देर रात बना प्रदर्शन का plan

लोकतंत्र में सभी को अपने तरीके से प्रदर्शन करने की इजाजत है, लेकिन बिना अनुमति के इस तरह का कोई भी आयोजन नहीं किया जा सकता जिसका असर शांति व्यवस्था पर पड़े। पुलिस और प्रशासन की निगाह से दूर इस पूरे कार्यक्रम का प्लान फेसबुक पर तैयार किया गया। एक निश्चित समय पर डीएवी कॉलेज, एसजीआरआर और उत्तरांचल कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में पढऩे वाले करीब दो दर्जन छात्र पहले परेड ग्र्राउंड में जुटे। वहां से जुलूस बनाकर सभी घंटाघर आए। जहां इंडियन आर्मी का पुतला दहन करने का प्रयास किया गया।

सकते में आ गए लोग

किसी की कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि अचानक घंटाघर पहुंचने वाले स्टूडेंट क्या करना चाहते हैैं। तभी भारत विरोधी नारे और अफजल गुरु को फांसी दिए जाने का एक बैनर देखकर पता लगा कि मामला गड़बड़ है। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें पुतला दहन करने से पहले ही 16 स्टूडेंट को अपनी हिरासत में ले लिया। इस दौरान कई वहां से बचकर निकलने में कामयाब रहे। विरोध दर्ज कराने वाले छात्र कश्मीर में आर्मी द्वारा स्थानीय लोगों का उत्पीडऩ करने का आरोप लगा रहे थे। इसके साथ ही वे संसद पर हुए हमले के मास्टर अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की मुखालफत भी कर रहे थे।

कहां गया पुलिस का खुफिया तंत्र

दिन दहाड़े सिटी के सबसे बिजी क्लाक टॉवर पर इकट्ठा हुए कश्मीरी छात्रों ने पुलिस के खुफिया तंत्र की पोल खोल कर रख दी। परेड ग्र्राउंड से निकले स्टूडेंट्स के बारे में ना तो एलआईयू को ही कुछ पता लग सका और ना ही राज्य का इंटेलिजेंस विभाग ही इस बाबत कोई जानकारी रख पाया। बीते दिनों दून रेंज के डीआईजी अमित सिन्हा ने पदभार ग्र्रहण करने के बाद इस बाबत चिंता जाहिर की थी कि, दून पुलिस के पास मुखबिर नही है। जो समय रहते किसी विषय में जानकारी प्रदान कर सके। दिन भर सिटी के गांधी पार्क में खड़े रहने वाले एलआईयू कर्मियों का तंत्र भी धड़ाम सिद्ध हुआ।

Master mind की तलाश

फेसबुक पर इतनी बड़ी प्लानिंग बनी और उसे लगभग-लगभग अंजाम भी दिया गया। ऐसे में ये माना जा रहा है कि, इन सबके पीछे कोई शातिर दिमाग शख्स है जिसने कश्मीरी स्टूडेंट्स  को सामने रख इस शांत शहर की फिजा में जहर घोलने का भरसक प्रयास किया। अब राजधानी पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि उस चेहरे को बेनकाब किया जा सके, जिसके द्वारा पूरे प्लान को बनाया गया। पुलिस के अधिकारी भी मान रहे हैैं कि पूरे घटनाक्रम के पीछे किसी ना किसी का दिमाग जरूर है। इसके तुरंत बाद हिंदूवादी संगठनों द्वारा किया गया विरोध और मारपीट भी शक के दायरे में है।

शांति भंग में किया जाएगा चालान

दिन भर चले हंगामे के दौरान पुलिस पूरी तरह बैकफुट पर रही। इसके पीछे खुफिया तंत्र की नाकामी सबसे बड़ी वजह मानी जा गई। उधर, देर शाम पूरे प्रकरण पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए एसपी सिटी दलीप सिंह कुंवर ने कहा पकड़े गए सभी स्टूडेंट्स पर शांति भंग करने के आरोप में चालान किया जा रहा है। इसके साथ ही सभी की पूरी डिटेल जम्मू कश्मीर पुलिस को भेजी जाएगी। जहां ये पता करने का प्रयास होगा कि इनका पुराना रिकार्ड क्या रहा है। पूरे प्रदर्शन का वीडियो फुटेज देखा गया है जिसमें कुछ भी आपत्तिजनक नही नजर आया। पुलिस की प्राथमिकता यही है कि शहर में शांति व्यवस्था कायम रखी जाए।