- एलयू शुरू करेगा कर्मयोगी योजना, स्टूडेंट्स को साल में मिलेगे 15 हजार

Lucknow:

एलयू नए सत्र से अपने शिक्षकों और छात्रों के लिए इंटरनल क्वालिटी एशोरेन्स सेल और अधिष्ठाता छात्र कल्याण के अंतर्गत नयी योजनायें शुरू करने जा रहा है। कर्मयोगी योजना के अंतर्गत चयनित स्टूडेंट्स को प्रति शैक्षणिक सत्र में अधिकतम 15 हजार रुपए की राशी दी जाएगी। यह निर्णय बुधवार को वीसी प्रो। आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में आयोजित कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया।

दिन में दो घंटे काम

कर्मयोगी योजना के तहत हर उस स्टूडेंट को काम करने का पैसा दिया जाएगा जो प्रोफेशनल कोर्स कर रहा होगा। इसके लिए स्टूडेंट को दिन में दो घंटे व साल में 50 दिन काम करने का मौका मिलेगा। इस एवज में प्रति घंट 150 रुपये एलयू प्रशासन की ओर से दिए जाएंगे। बीएड कॉलेजों की मान्यता को भी कार्य परिषद की बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी गई।

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प्रो। त्रिपाठी मामले की होगी जांच

कार्यपरिषद की बैठक में तय हुआ की हिंदी विभाग के प्रोफेसर आरसी त्रिपाठी के फर्जी मार्कशीट प्रकरण में जांच कमेटी की जो रिपोर्ट है, उस रिपोर्ट की समीक्षा करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। समीति की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। एलयू के जन्तु विभाग के प्रो। सुनील त्रिवेदी और प्रो। सुधीर कुमार के बीच वरिष्ठता का प्रकरण चल रहा है। प्रकरण को निस्तारण के लिए राजभवन भेजने का निर्णय किया गया है।

सरकार के निर्देश के बाद एग्जाम

समिति ने एग्जाम को लेकर न तो डेट पर विचार किया है, न ही एग्जाम कैसे होगा इस पर कोई विचार किया। सरकार के जो भी दिशा निर्देश होंगे उसी के आधार पर एग्जाम होंगे।

जेनेटिक इंस्टीट्यूट के लिए 6 करोड़

कार्य परिषद की बैठक में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस मालिकुलर जेनेटिक एंड इंफेक्शन डिजीज खोलने का प्रस्ताव रखा गया। इंस्टीट्यूट खोलने के लिए लगभग चार से छह करोड़ रुपए की को आवश्यकता होगी। जिस पर समिति ने तय किया है कि अगर सरकार से इंस्टीट्यूट खोलने के लिए अनुदान मिलेगा तो ही इंस्टीट्यूट की स्थापना हो सकेगी।

न्यूनतम वेतन पर नियुक्ति

बैठक में सभी सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में तैनात शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन निर्धारण का प्रस्ताव भी रखा गया। जिस पर परिषद ने अपनी मुहर लगा दी। जिसके अनुसार अब एलयू व उससे संबद्ध सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति न्यूनतम वेतन 21,600 रुपये पर ही हो।

राजभवन के आदेश पर आपत्ति

बीते दिनों राजभवन ने प्रो। मधुरिमा लाल और प्रो। महेश्वरी के बीच वरिष्ठता के विवाद को लेकर जो निर्णय लिया है, उस पर समिति के सदस्यों ने आपत्ति दर्ज करवाई है।