वन विभाग के साथ डीएन कॉलेज के स्टूडेंट्स कर रहे पहल

3 लाख रुपये की लागत से कॉलेज में बनाया गया है प्लांट

10 दिन बाद कॉलेज में प्लांट का किया जाएगा शुभारंभ

Meerut । अब पढ़ाई के साथ-साथ स्टूडेंट्स खेती की गुणवत्ता सुधारने के लिए भी कार्य करेंगें। खेतों की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए स्टूडेंट्स अब किसानों को खाद उपलब्ध कराएंगे। यही नहीं, किसानों को खाद बनाने के लिए पे्रेरित भी करेंगे। जी हां डीएन कॉलेज की पहल पर ऐसा पहली बार होगा जब स्टूडेंट्स किसानों को खुद की बनाई जैविक खाद बांटेंगे। कॉलेज ने जन जागरुकता अभियान के तहत ये पहल की है। कॉलेज में इससे संबंधित एक प्लांट तैयार किया है। इसके तहत कॉलेज के बॉटनी विभाग के स्टूडेंट्स व टीचर्स मिलकर ये काम करेंगे, कॉलेज में इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है, एक कार्यक्रम के तहत कॉलेज में किसानों व विभिन्न संस्थानों को बुलाया जाएगा व उनको नॉलेज दी जाएगी।

बांटे जाएंगे खाद के पैकेट

कॉलेज प्रिंसिपल डॉ। बीएस यादव ने बताया कि कॉलेज में इसके लिए तैयारियां पूरी हो गई है। एक बड़ा प्लांट लगाया गया है, जिसमें स्टूडेंट्स मिलकर खाद तैयार कर रहे है। साथ ही वो खाद के पैकेट तैयार कर रहे है। जिनको कार्यक्रम में बांटा जाएगा। ये जागरुकता कार्यक्रम दस दिन के अंदर किया जाएगा। जिसके लिए काफी किसानों, खेती संबंधित संस्थानों आदि को बुलाया गया है। सभी को ये खाद बांटी जाएगी और इसके साथ ही बताया जाएगा कि कैसे वो अपनी बनी खाद के प्रयोग से ज्यादा बेहतर खेती कर सकते हैं।

पॉल्यूशन दूर करने का संदेश

कॉलेज का मकसद किसानों को जागरुक करना व आम लोगों को बताना है कि कैसे वो कूड़े करकट के प्रयोग से खाद बनाकर उसे उपयोगी बना सकते हैं और पॉल्यूशन भी कम कर सकते हैं। प्रिंसिपल डॉ। बीएस यादव ने बताया कि बॉटनी विभाग के 50 से अधिक स्टूडेंट इसपर काम कर रहे है। वो केंचुओं, सब्जी के छिलकों, फलों के छिलको, पत्ती आदि विभिन्न चीजों से जैविक खाद बना रहे हैं। इस खाद के प्रयोग से अन्य की तुलना में बेहतर खेती होगी साथ ही पॉल्यूशन भी कम होगा।

लगाया जा रहा है सोलर प्लांट

कॉलेज में बिजली की बचत के लिए सोलर प्लांट भी लगाया जा रहा है। जिसको पूरे कॉलेज की लाइट से कनेक्ट किया जा रहा है, इससे पूरे कॉलेज की बिजली की बचत होगी, ये 50 केबी का है। कॉलेज में एक वॉटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैंजिससे कॉलेज का काफी पानी बच जाता है। अब दो हारवेस्टिंग लगाए जा रहे है, जिससे पूरे कॉलेज का पानी बचाया जाएगा।

कॉलेज का प्रयास रहता है कि वो बेहतर करें, ताकि कॉलेज में स्टूडेंट को काफी बेहतर फील हो जागरुक भी रहे, उनको अवेयर करने के लिए समय समय पर इस तरह के बेहतर कार्य होते हें।

डॉ। बीएस यादव, प्रिंसिपल, डीएन कॉलेज