-सीएम ने शीघ्र डीपीआर तैयार करने के दिए निर्देश

-नदी क्षेत्र के 53.45 किमी कैचमेंट एरिया के इस क्षेत्र में 19 छोटे चेक डैम तैयार किये जाएंगे

देहरादून, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रिस्पना पुनर्जीवीकरण को लेकर सरकार के प्रयास जारी हैं। सैटरडे को सीएम ने सचिवालय में रिस्पना को ऋषिपर्णा नदी के स्वरूप में लाने के लिये किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा बैठक ली। सीएम ने इस सबंध में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी (एनआईएचच) रुड़की द्वारा रिस्पना नदी के सम्पूर्ण क्षेत्र की भूमि व जल संवर्धन से सम्बन्धित प्रजेंटेशन भी देखा।

अगले माह तक हों टेंडर

सीएम ने कहा कि एनआईएच रुड़की द्वारा तैयार की गई डिटेल स्टडी रिपोर्ट के आधार पर शीघ्र डीपीआर तैयार की जाए। जिससे अगले माह तक इसके टेंडर प्रकाशित कर कार्य शुरू किया जा सके। सीएम ने इस सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभागों की संयुक्त बैठक लेने के निर्देश दिये। कहा कि रिस्पना का पुनर्जीवीकरण देहरादून निवासियों के व्यापक हित से जुड़ा है। इसमें देहरादून के पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद मिलेगी और भविष्य में जल संकट के समाधान का रास्ता भी खुलेगा। सीएम ने कहा कि पहले चरण में रिस्पना और कोसी नदियों को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद अन्य नदियों को भी पुनर्जीवित किया जायेगा। आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए जल संरक्षण की दिशा में विशेष प्रयासों की उन्होंने जरूरत है। जल संरक्षण के लिए प्लांटेशन करना भी जरूरी है। सूखे जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना हम सबका दायित्व है।

रिस्पना दून की पहचान

सीएम ने कहा कि देहरादून शहर के मध्य से गुजरती रिस्पना नदी का देहरादून के साथ एक अनूठा रिश्ता भी है। मिशन ऋषिपर्णा देहरादून वासियों के पास एक मौका है, इस नदी को उसके पुराने अविरल स्वरूप में वापस लाने का। शहर के संतुलित विकास हेतु समय की मांग है कि रिस्पना को पुनर्जीवित किया जाए। हमारे वर्तमान और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह आवश्यक पहल भी है। उन्होंने कहा कि रिस्पना के उद्गम क्षेत्र में किये गये व्यापक वृक्षारोपण से हरियाली होगी और भूजल स्तर में भी वृद्धि होगी। यह हमारे लिए प्रकृति की सुंदरता की सौगात भी होगी। बैठक में विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, खजान दास, मेयर सुनील उनियाल गामा, सीएस उत्पल कुमार के अलावा एनआईएच व सिंचाई विभाग के अि1धकारी मौजूद रहे।

एसटीपी का निर्माण जरूरी

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रुड़की की स्टडी रिपोर्ट में बताया गया है रिस्पना नदी क्षेत्र के 53.45 किमी कैचमेंट एरिया के इस क्षेत्र में 19 छोटे चैक डेम तैयार किये जायेंगे। जल की गुणवत्ता के लिये बेहतर उपचार की व्यवस्था के साथ ही तालाबों के निर्माण व सतही जल के प्रबन्धन पर ध्यान दिया जाना होगा। इस क्षेत्र में वाटर हार्वेस्टिंग पर ध्यान देने, नदी क्षेत्र के आस पास एसटीपी के निर्माण के साथ ही सौंग बांध से भी इसमें जल उपलब्धता की बात कही गई है।