हफ्ते में 45 घंटे होगी पढ़ाई

देहरादून में सीबीएसई से लगभग 40 स्कूल एफिलेटेड हैं, जिनमें केंद्रीय विद्यालय भी शामिल हैं। दून के केवी में पहले ही हफ्ते में 45 घंटे पढ़ाई कराई जा रही है। अब प्राइवेट स्कूल्स में भी यही नियम लागू होने जा रहा है। प्राइवेट स्कूल्स में अभी तक छह घंटे रोजाना क्लास होती है जिस हिसाब से हफ्ते के छह दिनों में यहां सिर्फ 36 घंटे ही पढ़ाई होती है। इस नियम के बाद हर स्कूल को अपने टाइम में रोजाना लगभग ढेड़ से दो घंटे एक्स्ट्रा पढ़ाई करानी होगी।

सीसीई के तहत लिया फैसला

 यानि सतत और व्यापक मूल्यांकन के तहत बोर्ड ने क्लास में एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग एंड टीचिंग को बढ़ावा देना अहम था, लेकिन 30 से 35 मिनट के पीरियड में एक्टिविटी बेस्ड टीचिंग संभव नहीं थी। कोर सब्जेक्ट्स के लिए ज्यादा टाइम प्रदान किए जाने के मकसद से इस टाइम को और बढ़ाया जा रहा है। अब 50 से 55 मिनट का टाइम एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग एंड टीचिंग के लिया दिया जाएगा। दून इंटरनेशनल स्कूल के वाइस प्रिंसिपल दिनेश बड़थ्वाल के मुताबिक इस तरह की टीचिंग के लिए टाइम ज्यादा होना चाहिए। इस ही को देखते हए बोर्ड ने इसे नियम के रूप में लागू करने जा रहे है, ताकि हर स्कूल में पूरी तरह से इसे लागू किया जा सके।

टीचर्स हैं नाखुश

इस नियम के अलावा सीबीएसई आरटीई को भी पूरी तरह से लागू करने जा रही है, जिसके तहत टीचर्स के टाइम को भी तय किया जा रहा है। इस हिसाब से टीचर को अपने नेक्स्ट डे का टीचिंग प्लान एक दिन पहले ही सबमिट करना होगा, जिससे टीचर्स की मेंटली और फिजिकली दोनों एक्सरसाइज बढ़ जाएगी। इसी को देखते हुए टीचर्स इस नियम से सहमे हुए हैं। केंद्रीय विद्यालयों के टीचर्स पहले ही इस नियम के विरोध में आवाज उठा चुके हैं। केवी के टीचर्स का कहना है वो हफ्ते के छह दिन की जगह पांच दिन वर्किंग की मांग कर रहे हैं.  सीबीएसई चाहे तो बाकी पांच दिन में एक घंटा और बढ़ा दे, लेकिन फाइव डे वर्किंग को लागू करें। उधर प्राइवेट स्कूल के टीचर्स भी इस नियम से नाखुश हैं।

क्वालिटी होगी बेटर

बोर्ड सीसीई, एएसएल और प्रोफीशिएंसी टेस्ट के बाद टीचर और स्टूडेंट के बीच के इंट्रैक्शन और कंटीन्यूटी को और बेहतर करने के मकसद से किए जा रहे इस प्रयोग से एजुकेशन क्वालिटी के बेहतर होने की बात कह रहा है।

अभी तक कोई नोटीफिकेशन नहीं आया है, लेकिन अगर हफ्ते में 45 घंटे क्लासेज चलाई जाएंगी। तो निश्चित रूप से क्वालिटी में सुधार होगा। हालांकि इससे टीचर्स और मैनेजमेंट पर थोड़ा बर्डन जरूर आएगा, लेकिन इससे स्टूडेंट्स का ओवर ऑल डेवलपमेंट जरूर होगा।

--- दिनेश बड़थ्वाल, वाइस प्रिंसिपल, दून इंटरनेशनल स्कूल

अभी तक साल में 220 दिनोंं में 1320 घंटे पढ़ाना अनिवार्य था। इस हिसाब से दिन महीने में छह घंटे हालांकि यह रूल पहले ही केंद्रीय विद्यालयों में लागू हो चुका है। प्राइवेट स्कूल्स पर इस नियम को लेकर नोटीफिकेशन अभी नहीं आया है। जल्द ही इसके आने की संभावना है।

--- छाया खन्ना, कॉर्डिनेटर, सीबीएसई