-पत्नी ने एसएसपी को सुनाई खरी-खरी, कहा: विभाग ने ली मेरे पति की जान

-आईजी, एसएसपी व तमाम अधिकारियों ने दी अंतिम विदाई

LUCKNOW: तीन साल की नन्हीं सी बेटीपत्नी प्रेगनेंटइनके अलावा परिवार में सिर्फ बुजुर्ग मांऐसी पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले बेहद मिलनसार व कर्तव्यनिष्ठ दारोगा कृष्ण गोपाल शुक्ला आखिरकार डेंगू से जंग हार गए। वे पीजीआई में बीते पांच दिनों से एडमिट थे, लेकिन समय के साथ उनकी हालत बिगड़ती ही गई और शनिवार पूर्वान्ह उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम के बाद मिले उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने पहुंची एसएसपी मंजिल सैनी को एसआई कृष्ण गोपाल की पत्नी ने जमकर खरी-खरी सुनाते हुए विभाग को पति की मौत का जिम्मेदार ठहराया। आईजी ए.सतीश गणेश और एसएसपी मंजिल सैनी ने आखिरी सलामी देकर शुक्ला के पार्थिव शरीर को गोंडा स्थित उनके पैतृक गांव रवाना किया।

छलक उठी आंखें

गोंडा के थाना इटियाथोक स्थित गांव सदाशिव के मूल निवासी कृष्ण गोपाल शुक्ला के परिवार में उनकी 70 वर्षीया मां, वर्तमान में प्रेगनेंट पत्नी रजनी, तीन साल की बेटी गुनगुन हैं। वे वर्तमान में गाजीपुर थाने की भूतनाथ पुलिस चौकी में चौकी इंचार्ज के पद पर तैनात थे जबकि, थाना अलीगंज स्थित पुलिस क्वार्टर में रहते थे। बीती 5 अगस्त को कृष्ण गोपाल को तेज बुखार आ गया। पर, उन्होंने दवा लेते हुए ड्यूटी करना जारी रखा। 7 अगस्त को हालत बिगड़ने पर सीओ गाजीपुर दिनेश कुमार पुरी ने उन्हें इंदिरानगर स्थित शेखर हॉस्पिटल में एडमिट कराया। जहां जांच के बाद पता चला कि उन्हें डेंगू हो गया है। हालत न सुधरने पर सीओ पुरी ने तमाम जुगाड़ के बाद उन्हें पीजीआई के आईसीयू में एडमिट कराया। जहां चार दिनों तक डेंगू से जंग लड़ने के बाद शनिवार पूर्वान्ह करीब 11.30 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी मौत की खबर मिलते ही उनके साथी पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी पीजीआई और फिर मच्र्युरी पहुंच गए। पार्थिव शरीर को देख वहां जुटे सभी लोगों की आंखे छलक उठीं।

बिफर पड़ी रजनी, एसएसपी अवाक

पोस्टमार्टम के बाद शव को थाना अलीगंज स्थित उनके क्वार्टर ले जाया गया। कुछ देर बाद ही एसएसपी मंजिल सैनी व एसपी ट्रांसगोमती जयप्रकाश भी पहुंच गए। एसएसपी को देखते ही कृष्ण गोपाल की पत्‍‌नी रजनी फट पड़ीं। उन्होंने एसएसपी से कहा कि कृष्ण गोपाल बीते लंबे समय से ज्वाइंडिस से पीडि़त थे। वे रात तीन बजे लौटते और बुखार की दवा लेने के बाद वापस ड्यूटी पर चले जाते थे। श्रीमती शुक्ला ने बताया कि इतनी तबियत खराब होने के बावजूद कृष्ण गोपाल से ड्यूटी ली जाती रही। उन्होंने कहा कि कृष्ण गोपाल की जान विभाग ने ली है। भारी संख्या में मौजूद पुलिसकर्मियों के सामने श्रीमती शुक्ला की यह बात सुनकर एसएसपी सैनी भी अवाक रह गई।

तीन लाख की फौरी सहायता

सोशल मीडिया पर कृष्ण गोपाल के परिवार की मदद के लिये चली मुहिम का डीएम राजशेखर ने संज्ञान लिया। उन्होंने डीएम कोष से एक लाख रुपये जबकि एसएसपी ने राजधानी में तैनात पुलिस ऑफिसर्स की ओर से दो लाख रुपये की फौरी मदद परिवार को करने की घोषणा की। डीएम राजशेखर ने बताया कि एसएसपी से दिवंगत कृष्ण गोपाल की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने पर परिवार को सीएम रिलीफ फंड से भी मदद के लिये संस्तुति की जाएगी।