कानपुर (इंटरनेटडेस्क)। Subhash Chandra Bose Jayanti 2021 देश में 23 जनवरी 2021 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 124वीं जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ था। सुभाष चंद्र बोस भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी अहम भूमिका के लिए जाने जाते हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ही देश को 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा' का नारा दिया था। यह नारा आज भी युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है।

पूरे उत्साह के साथ मनाई जाती है नेताजी की जयंती

हर साल, सुभाष चंद्र बोस की जयंती पूरे देश में विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में पूरे उत्साह के साथ मनाई जाती है। विशेष परेड आयोजित की जाती हैं और सुभाष चंद्र बोस के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए और भारत की आजादी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जगह-जगह श्रद्धाजंलि सभाएं भी आयोजित की जाती हैं।

आजाद हिंद फौज में लगभग 85000 सैनिक शामिल थे

सुभाष चंद्र बोस अपने अनुयायियों के बीच 'नेताजी' के नाम से लोकप्रिय सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों से लड़ने और भारत को उनके शासन से मुक्त कराने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सेना, आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। आजाद हिंद फौज में लगभग 85000 सैनिक शामिल थे। इसमें एक महिला यूनिट भी थी जिसकी कैप्टन लक्ष्मी स्वामीनाथन थी।

भारत की आजादी के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया

सुभाष चंद्र बोस ने 18 जनवरी, 1938 से 29 अप्रैल, 1939 तक कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था। उन्हें आज भी उनके साहस, नेतृत्व कौशल और असाधारण वक्तृत्व कौशल के लिए जाना जाता था। इतना ही नहीं उन्होंने कई लोगों को भारतीय राष्ट्रीय सेना में शामिल होने और भारत की आजादी के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

48 साल की उम्र में नेताजी का हो गया था निधन

सुभाष चंद्र बोस सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा को छोड़कर देश को आजाद कराने की मुहिम का हिस्सा बने थे। वह अपने जीवन में 11 बार जेल गए थे। नेताजी के कुल 13 भाई-बहन थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस का निधन 18 अगस्त 1945 को हो गया था जब उनका निधन हुआ तब वह सिर्फ 48 साल के थे। उनके निधन पर काफी विवाद हुआ था।

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