कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Subhash Chandra Bose Jayanti 2022 : नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक भारतीय राष्ट्रवादी और प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अंग्रेजों का विरोध किया और भारत के लोगों को कट्टरपंथी विरोध और क्रांति में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। ऐसे में देश में हर साल 23 जनवरी को स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है। सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक में जानकीनाथ बोस के यहां हुआ था। नेताजी एक राजनेता और बुद्धिजीवी थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस वर्ष स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र के जन्म की 125वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।

सुभाष चंद्र बोस की जयंती का इतिहास व महत्व

प्रभाती और जानकीनाथ बोस के पुत्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्वामी विवेकानंद को अपना आध्यात्मिक गुरु मानते थे। सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों का मुकाबला करने के लिए एक सैन्य रेजिमेंट, आजाद हिंद फौज की स्थापना की। इसके साथ ही सुभाष चंद्र बोस ने एक महिला बटालियन रानी झांसी रेजिमेंट की भी स्थापना की। सुभाष चंद्र बोस ही थे जिन्होंने शुरू में महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा था।

नेताजी जी ने देश के युवाओं को प्रेरित किया था

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हजारों युवाओं को आजादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपना आईसीएस पद छोड़ दिया और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए इंग्लैंड से भारत लौट आए। उन्होंने एक सामाजिक क्रांतिकारी का चित्रण किया। सुभाष चंद्र बोस हमेशा कहते थे कि अगर किसी की जिंदगी में कोई संघर्ष या किसी भी तरह का रिश्क ना हो तो उसका जीवन आधी रुचि खो देता है।

Subhash Chandra Bose Jayanti 2022 : 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाई जाती है नेताजी की जयंती

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