हुकुलगंज में एक परिवार के चार सदस्यों के मौत की वजह नहीं हो सकी स्पष्ट

-आर्थिक तंगी से पुलिस ने किया इनकार, बीमारी नहीं थी बड़ी परेशानी

VARANASI

हुकुलगंज में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत ने तमाम सवाल खड़े कर दिया। कोई बता नहीं सका कि इतनी बड़ी घटना की वजह क्या रही। पुलिस और परिवार के साथ ही मौके पर मौजूद हर शख्स इस सवाल का ही जवाब तलाशने की कोशिश कर रहा था पर नाकाम रहा। किशन के कमरे से मिले सुसाइड नोट में जान देने की वजह बीमारी बतायी गयी है लेकिन परिवार इससे इनकार कर रहा है। चर्चा आर्थिक तंगी की भी हो रही पर यह वजह भी कोई स्वीकार नहीं कर पा रहा है।

गर्भवती थी पत्नी

किशन पत्नी नीलम के गर्भ में आठ माह का बच्चा पल रहा था। किशन का एक भाई मानसिक रूप से बीमार है, जिसकी अभी शादी नहीं हुई है। आंखों का इलाज कराने के लिए किशन अपनी मां के साथ कुछ दिन पहले लखनऊ गया था। पिता अमरनाथ गुप्ता को कैंसर की शिकायत है। किशन पर काफी कर्जा हो गया था। इसके अलावा भी क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। किशन गुप्ता ने किन वजहों से आत्मघाती कदम उठाया, यह तो वह खुद जानता था या पुलिस की तफ्तीश के बाद सामने आ पाएगा। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच-पड़ताल कर रही है।

दस लाख का था कर्ज

एक साथ चार मौतों से परिवार में मातम है। तीन भाई और दो बहनों में किशन परिवार में सबसे बड़ा था। पिता अमरनाथ गुप्ता के अनुसार अभी आठ माह पहले छोटी बेटी पूजा की शादी हुई थी। इसमें करीब दस लाख रुपये का कर्ज हो गया था। कर्ज को लेकर किशन काफी परेशान था। हालांकि पिता ने किशन से कहा था कि वह तनाव ना ले उसकी दो बिस्वा जमीन बेचकर कर्ज भर देंगे। कर्ज भी सगे संबंधियों से ही लिया था। कभी किसी ने तगादा भी नहीं किया था। इस घटना के संबंध में एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने आर्थिक तंगी की वजह से सुसाइड से इनकार किया। उन्होंने कहा कि किशन की दुकान अच्छी चलती थी। दो मकान भी है। एक में परिवार रहता है और दूसरे में किरायेदार हैं। दुकान और मकान का किराया भी किशन ही लेता था। इसलिए अर्थिक तंगी के चलते किशन ने इतना बड़ा कदम उठाया है, यह सही नहीं लगता है।

खराब हो रही थी आंख

मौके पर मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि आंख की बीमारी से परेशान होकर इतना बड़ा कदम उठाया। पिता के अनुसार किशन की बाई आंख में समस्या थी, जिसका इलाज लखनऊ में चल रहा था। अभी कुछ दिन पूर्व ही लखनऊ से मां के साथ इलाज कराके लौटा था। पड़ोसी और दुकान से डेली सामान खरीदे वालों ने बताया कि किशन ने कभी भी आंख में गड़बड़ी बात नहीं बताई थी। सामान लेते समय भी कभी ऐसा नहीं लगा कि वह परेशान है। किशन बहुत मिलनसार और खुशमिजाज था। ऐसे में बीमारी से परेशान होने की बात भी नहीं समझ नहीं आ रही है।

पत्नी को भी दिया जहर

प्रारम्भिक जांच में पुलिस का मानना है कि किशन ने पहले अपने दोनों बच्चों को जहर दिया उसके बाद पत्नी को भी जहर दिया। इसके बाद उसे फांसी पर लटकाने के बाद खुद फंदे पर लटक गया। बच्चों के साथ किशन की पत्नी नीलम के मुंह से भी झाग निकल रहा था। पुलिस को यह समझना मुश्किल हो रहा है कि इस आत्मघाती कदम में पत्नी ने उसका साथ दिया या परिवार को खत्म करने की किशन की रची गयी साजिश का शिकार हुई। किशन ने अपने कलेजे के टुकड़े बेटे उज्ज्वल और प्यारी बिटिया शिखा को जहर देने के बाद पत्नी और उसके गर्भ में पल रहे आठ माह के बच्चे के बारे में भी नहीं सोचा।