हमने पूछे दो सवाल

छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक पहुंच चुके सुशांत सिंह राजपूत और परिणीति चोपड़ा के अलावा इस फिल्म से अपना डेब्यू कर रही वानी कपूर की ये मूवी आज की पीढ़ी को ध्यान में रखकर बनाई गई है। किसिंग सीन से भरपूर ये मूवी रोमांटिक तो है ही, इसमें सुशांत और परिणीति के साथ कॉमेडी रोल में ऋषि कपूर भी नजर आयेंगे। इस मूवी के ट्रेलर को कई दिनों से टीवी पर देख रहे लोगों का इंतजार शुक्रवार को खत्म हो जाएगा क्योंकि ये इसी दिन रिलीज होगी। इसलिए रिलीज से पहले आई नेक्स्ट ने सिटी के लोगों से इस फिल्म से जुड़े जो दो सवाल पूछे, वो ये रहे

1- क्या मूवी शुद्ध देशी रोमांस आज की पीढ़ी को बिगाडऩे का काम करेगी?

2- क्या इस मूवी की लीव इन रिलेशनशिप की थीम अपने शहर की संस्कृति के अगेंस्ट है?

इन दो सवालों को हमने शहर के कई लोगों से पूछा। इसमें पहले सवाल के जवाब में लगभग 50 परसेंट लोगों ने ये कहा कि नहीं ऐसा नहीं है। आज के वक्त के साथ ऐसी मूवीज की जरूरत है। जबकि 50 परसेंट ने कहा कि ऐसी मूवीज परिवार संग देखने लायक नहीं है। क्योंकि ऐसी मूवीज में अश्लीलता ज्यादा होती है और पारिवारिक ड्रामा कम। जबकि दूसरे सवाल के जवाब में 70 प्रतिशत लोगों ने बदलते वक्त के साथ ऐसी थीम की मूवीज बनाने की वकालत की जबकि 30 परसेंट लोगों ने लीव इन रिलेशनशिप जैसे मुद्दे को समाज के लिए नुकसानदायक बताया और ऐसी थीम्स पर बनने वाली फिल्मों पर रोक लगाने की मांग कर डाली।

हर हॉल में आज होगी release

शुद्घ देशी रोमांस फ्राइडे को अपने शहर के भी कई मॉल्स और सिनेप्लेक्सेज में रिलीज हो रही है। हालांकि इस फिल्म को सिनेप्लेक्स और मॉल्स वाले कम शोज के साथ लेकर आये हैं। इस मूवी को फस्र्ट वीक तक डेली 19 शोज के साथ रिलीज किया जाएगा। वहीं इस मूवी पर फ्राइडे को ही रिलीज हो रही फिल्म 'जंजीर' भारी पड़ रही है क्योंकि फस्र्ट वीक तक डेली इस मूवी के कुल 26 शोज दिखाये जायेंगे।

ट्रेंड यही है भाई

शुद्ध देशी रोमांस को लेकर लोगों का दीवानापन इसलिए भी जायज है क्योंकि अब फिल्म इण्डस्ट्री में भी रोमांटिक मूवीज को ज्यादा लाइक किया जा रहा है। जबकि मारधाड़ से भरी मूवीज को कम रिस्पॉन्स मिल रहा है। ये इस बात से प्रूव होता है कि हाल ही के दिनों में आई रोमांटिक स्टोरी पर बनी आशिकी 2, चेन्नई एक्सप्रेस को तगड़ा रिस्पॉन्स मिला जबकि सत्याग्रह और मद्रास कैफे उतनी सक्सेस नहीं हो सकीं जितनी उनसे उम्मीद थी।

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मुझे नहीं लगता है कि ऐसी मूवीज में कोई बुराई है। आज की डिमांड हैं ऐसी फिल्में। यूथ ऐसी पिक्चर्स को ही लाइक करता है।

शुभम सिन्हा, कैंटोन्मेंट

ठीक है कभी कभी ऐसी मूवीज देखी जा सकती है लेकिन फिल्म मेकर्स लगातार ऐसी ही मूवीज बना रहे हैं। जो ठीक नहीं है।

दर्शिल सेठ, पाण्डेयपुर

ऐसी फिल्में सोसाइटी पर असर तो डालती ही हैं। फैमिली संग ऐसी मूवीज देखने लायक नहीं होतीं। इसलिए मूवी मेकर्स को सोच समझकर फिल्में बनानी चाहिए।

शादाब अहमद, नदेसर

ऐसी मूवीज बनना जरूरी है। इसीलिए मैं फस्र्ट डे ही अपने 70 दोस्तों संग ये मूवी देखने जा रहा हूं। मेरा मानना है कि समाज को बदलने के लिए ऐसी मूवीज जरूरी हैं।

सौरभ शुक्ला, सिगरा

मैं तो इस मूवी का वेट कर रहा था। ऐसी मूवी आज की जरूरत है। लीव इन रिलेशनशिप में बुरा ही क्या है। इसे लेकर लोगों का नजरिया ही गलत है।

ईशांत कपूर, भेलूपुर

बिल्कुल ऐसी फिल्मों को बनना चाहिए। ये फिल्में ही तो हैं जो एहसास कराती हैं कि हम 21 वीं सेंचुरी में हैं।

सुप्रिया पाण्डेय, कमच्छा

शुद्ध देशी रोमांस का ट्रेलर तो मुझे बहुत अच्छा लगा। अगर ये मूवी लीव इन रिलेशनशिप या रोमांस पर बनी है तो इसमें गलत ही क्या है। आज हर कोई इन चीजों में इनवॉल्व है।

आकृति चौबे, सिगरा

इस मूवी को देखने मैं अपने फ्रेंडस के साथ जाऊंगी। सुना है कि ये मूवी यूथ के लिए बनी है। देखने के बाद ही बता पाऊंगी कि स्टोरी कैसी लगी।

अकांक्षा शर्मा, रामापुरा

मूवीज समाज के लिए आईने का काम करती हैं। अगर मूवी से कुछ सीखने को मिले तो अच्छा है नहीं तो किसी मूवी के बनने का कोई मतलब नहीं है।

नरेश मेहरा, चौक

सुना बहुत है इस मूवी के बारे में। अगर ये मूवी लीव इन रिलेशनशिप पर है तो इसमें बुराई क्या है। आज बड़े शहरों में ये चीजें डेवलप हो रही हैं। जब बड़े शहरों की हर चीज अपना रहे हैं तो फिर इसे भी अपनाना चाहिए।

भूपेन्द्र नाथ मोहले, नीचीबाग