-नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट में मिल के टेक्निकल स्टाफ की ट्रेनिंग

-पॉलीटेक्निक और आईटीआई पास को भी ट्रेनिंग दी जा रही

KANPUR:

इंडियन शुगर इंडस्ट्री के लिए चीनी मिलों का 24 घंटे न चलना एक बड़ी समस्या है। टेक्नोलॉजी दिन पर दिन बेहतर हो रही है, लेकिन अभी तक चीनी मिल के 2 घंटे के ब्रेक डाउन को खत्म नहीं किया जा पाया है। मिल में 24 घंटे में दो घंटे का ब्रेक डाउन होता ही है। इस समस्या का अभी तक टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन नहीं मिला है। जो चिंता का विषय है। इस पर सभी को मिल जुलकर प्रयास करना होगा। यह विचार ट्रेनिंग प्रोग्राम के इनॉग्रेशन के मौके पर शुगर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रो। नरेन्द्र मोहन ने व्यक्त किए।

चीनी के साथ दूसरे प्रोडक्ट भी बनाएं

पांच दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का इनॉग्रेशन चीफ गेस्ट कमिश्नर कानपुर जोन मो। इफ्तखारुद्दीन ने इंस्टीट्यूट के सेमिनार हॉल में दीप जलाकर किया। चीफ गेस्ट ने कहा कि यूपी में शुगर इंडस्ट्री बहुत है। अब फोकस इस बात पर करना चाहिए कि मिल में चीनी के अलावा जो अन्य प्रोडक्शन हो सकता हो, उसपर फोकस किया जाए। एल्कोहल पर फोकस किया जाना चाहिए, जिसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। एथेनाल का यूज पेट्रोल की मिक्सिंग में भी शुरू हो गया है। एल्कोहल का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन किया जाए। मिल का अच्छी तरह से संचालन करने में स्किल डेवलपमेंट बहुत जरूरी है। इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित होते रहने चाहिए।

100 कंडीडे्टस ट्रेनिंग ले रहे हैं

इस प्रोग्राम में देश भर की 25 चीनी मिलों का टेक्निकल स्टाफ ट्रेनिंग लेने आया है। इसके अलावा प्रोग्राम में पॉलीटेक्निक और आईटीआई से डिप्लोमा हासिल कर चुके कंडीडेट्स को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रोग्राम में करीब 100 लोग ट्रेनिंग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इस मौके पर डायरेक्टर ने चीफ गेस्ट का वेलकम करते हुए उन्हें मोमेंटो देकर सम्मानित किया। प्रोग्राम में संतोष कुमार, जाहर सिंह, संजय चौहान मौजूद रहे।