गर्भ में बच्चों का वजन बढ़ाते हैं मीठे ड्रिंक्स
कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनीटोबा की स्टडी में बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान कृत्रिम मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाओं की संतान के मोटे होने का खतरा काफी ज्यादा होता है। इस नए शोध के अनुसार ऐसे तथ्य सामने आये हैं जिनसे ये प्रमाणित हुआ है कि प्रेगनेंसी में मीठे और आर्टिफीशियल साफ्ट ड्रिंक्स का अधिक इस्तेमाल नवजात शिशु में आबेसिटी को बढ़ाने की वजह बन सकते  हैं। यानि महिलाओं को गर्भ धारण करने की अवधि में खुद को इस आदत से बचा कर रखना चाहिए।

Pregnant women say no to sugary drinks

कई मां बच्चों पर किया गया परिक्षण
इस अध्ययन के लिए रिसर्चर्स ने करीब 3,033 मां और बच्चों की जोड़ीयों पर जांच की। इस दौरान मां द्वारा गर्भावस्था में लिए जाने वाले पेय पदार्थों का शिशु के बॉडी मास इंडेक्स पर पडऩे वाले प्रभावों का अध्ययन किया गया। शोध में 30 प्रतिशत महिलाओं ने कृत्रिम पेय पदार्थों जैसे सॉफ्ट ड्रिंक और चाय-कॉफी के सेवन की बात स्वीकारी। जिसमें से करीब 5.1 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे नियमित तौर पर इन पदार्थों का सेवन करती हैं। ये पाया गया कि ऐसा कहने वाली महिलाओं और उनकी संतान के पहले साल में मोटापे का खतरा दोगुना से ज्यादा था।

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