सात माह पहले मृतका अनीता ने बेटी को दिया था जन्म

ससुराल वालों की चाहत बेटा की थी

बरेली: सात जन्मों की डोर महज दो साल में ही टूट गई. सत्यपाल और अनीता ने मौत को गले लगा लिया. वजह थी घर में रोज रोज की कलह. दरअसल सात माह पहले अनीता ने बेटी को जन्म दिया था. इसके बाद से ही कलह होने लगी. ससुराल वाले तो बेटे की चाहत पाले हुए थे. सिर से माता-पिता का साया हट जाने के बाद सात माह की पुत्री के पालन-पोषण की समस्या पैदा हो गई है. घटना से दोनों परिवारों में मातम छाया हुआ है. वहीं एक दूसरे के प्रति आक्रोश भी है.

2017 में हुई थी शादी

हाफिजगंज के गांव बीजामऊ निवासी अनीता की शादी चार अप्रैल 2017 को ग्राम जोगीठेर निवासी हीरालाल के साथ हुआ था. विवाह की सारी रस्में खुशी से हुई थीं. पुत्रवधू जब ससुराल में आयी थी तो पूरा परिवार काफी खुश था, परंतु घरवालों को यह नहीं मालूम था कि खुशियां अधिक समय तक नही रहेंगी. सात माह पूर्व जब अनीता ने बेटी को जन्म दिया तो दोनों परिवार नामकरण संस्कार में शामिल हुए थे. बेटी के जन्म से अनीता के ससुराल पक्ष के लोग खुश नहीं थे, उनकी चाहत बेटा की थी. इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में मनमुटाव पैदा हो गया. पति-पत्नी में भी दूरियां बढ़ने लगी. गत 4 जून की रात परिवार के लिए बड़ी मुसीबत बनकर आयी. पति से हुई अनबन के बाद अनीता ने फांसी के फंदे पर झूलकर मौत को गले लगा लिया. पत्नी की मौत से सत्यपाल भी सन्न रह गया. सात माह की बेटी को गोद में लेकर चुपाता रहा. अपने ही घर पर अपमानित होकर वह अंदर से टूट गया और उसने भी पत्नी की तरह की फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घर में एक साथ बेटा व पुत्रवधू की मौत होने से पिता, मां व परिवार के अन्य लोग घंटों रोते बिलखते रहे. दूसरे पक्ष के लोग भी अनीता की मौत पर काफी देर तक आंसू बहाकर ससुराल पक्ष के लोगों को जिम्मेदार ठहरा रहे थे.