-68500 शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी के मामले में शासन ने किया था सस्पेंड

-हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद शासन ने किया था बहाल

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PRAYAGRAJ: हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद से तैनाती की राह देख रही डॉ। सुत्ता सिंह ने शासन के निर्देश पर गुरुवार को अपर निदेशक राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान के पद पर कार्यभार ग्रहण कर दिया। वह 1985 में पीईएस संवर्ग में चुनी गयी थीं। उनकी पहली नियुक्ति अनौपचारिक शिक्षाधिकारी सुल्तानपुर के पद पर हुई थी। 1995 में डीआईओएस मिर्जापुर और प्रयागराज बनी। इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर मनोविज्ञानशाला सहित अन्य पदों पर कार्य किया था। इसके बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) मिर्जापुर और लखनऊ के पद पर कार्य किया था। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उप्र प्रयागराज के पद पर तैनाती हुई थी।

शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी के आरोप में हुई थी सस्पेंड

सूबे में परिषदीय स्कूलों में 68500 शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी के आरोप में सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी पद पर तैनात रहीं डॉ। सुत्ता सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के निर्देश पर उन्हें बहाल किया गया। बहाल होने के बाद से वह तैनाती के लिए वेटिंग लिस्ट में थीं। बुधवार को शासन की ओर से उनकी तैनाती अपर निदेशक राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान के पद की थी। इसके बाद उन्होंने गुरुवार को पदभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह हमेशा से ही पूरी निष्ठा के साथ अपने कार्यो का निर्वहन करती रही हैं। आगे भी अपने कार्य का निर्वहन करेंगी।