- चाइना से आ रहे केमिकल से बने नकली अंडे

- चाइनीज अंडों की जांच के लिए प्रदेश भर में जांच के निर्देश

- कई जिलों में फूड सेफ्टी अधिकारियों ने शुरू की जांच

LUCKNOW :अगर आप सेहतमंद रहने के लिए अंडे खाते हैं तो जरा सावधान हो जाइये। आप जो अंडे खा रहे हैं कहीं वो चाइनीज तो नहीं है। जिससे आपकी सेहत बनने की बजाय बिगड़ सकती है। इसी के चलते फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीएए) ने प्रदेश भर में नकली अंडों की जांच के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। कुछ दिन पहले ही फूड सेफ्टी एंड स्टैंड‌र्ड्स आफ इंडिया (एफएसएसएआई) के निर्देश पर यूपी एफएसडीए ने प्रदेश के सभी जिलों में जांच के आदेश दिए थे। फूड सेफ्टी ऑफिसर्स को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि चाइना के इंपोर्ट किए गये अंडे सेहत के लिए नुकसानदेह सकते हैं।

तमिलनाडु में आया था मामला

इस वर्ष अक्टूबर माह में तमिलनाडु के इदुक्की जिले में सबसे पहले नकली अंडे का मामला सामने आया था। जिसके बाद देश के कई अन्य भागों से भी एफएसएसएआई को शिकायतें मिली थीं। ये अंडे चाइना से इंपोर्ट किए गए थे। बता दें कि देश में बड़ी मात्रा में चाइना से हर वर्ष अंडों को इंपोर्ट किया जाता है। इन्हीं में से एक इंपोर्टर के अंडों के संबंध में शिकायतें भी मिली थी। इसी के तहत एफएसडीए यूपी के असिस्टेंट कमिश्नर ने प्रदेश के सभी जिलों को जांच के आदेश दिए हैं। जिसके बाद बाराबंकी, फैजाबाद सहित कई में छापेमारी शुरू कर दी गई है।

कैसे बनाया जाता है नकली अंडा

1. अंडे के बाहरी हिस्से को जिप्सम के चूर्ण, कैल्सियम कार्बोनेट और तेल युक्त मोम की सहायता से बनाया जाता है

2. अंदर का सफेद हिस्सा बनाने के लिए सोडियम एल्गिनाइट को गर्म पानी के साथ मिलाया जाता है। साथ में जिलेटिन, फिटकरी और बेंजोइक एसिड को भी मिलाया जाता है

3. इसी मिश्रण को योक यानी पीला हिस्सा बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। बस उसमें पीला कलर लाने वाला केमिकल को मिला दिया जाता है

4. कैल्सियम की मात्रा उतनी ही होती है जितना एक मनुष्य खा सकता है। और इसका रंग बिल्कुल असली अंडे की तरह होता है इसलिए इसकी पहचान कर पाना कठिन है।

सेवन करने से कैंसर का खतरा

कृत्रिम अंडा केवल रासायनिक पदार्थो से तैयार होता है जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक है। इसके कारण कैंसर, लीवर, किडनी सहित अन्य समस्याएं होने का खतरा है। इसलिए लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए एफएसएसएआई ने तेजी दिखाते हुदेश में जांच के आदेश किए हैं।

पहचान करने का तरीका

नकली: अंडे का बाहरी छिल्का हल्के भूरे रंग का और खुरदरा होता है

असली: असली अंडा चिकना होता है

नकली : उबालने के बाद कैल्शियम कार्बोनेट का आवरण तोड़ने पर अंडे का भीतरी हिस्सा कड़ा होता है।

असली: यह काफी सॉफ्ट होता है।

नकली: अंडे के भीतर से सामान्य अंडे के जैसा ही पदार्थ निकलता है, लेकिन इसे खुला छोड़ने पर मक्खी और अन्य कीड़े उसके पास नहीं आते

असली : खुला छोड़ने पर मक्खी व अन्य कीड़े मकोड़े भिनभिनाने लगते हैं।

नकली: अंडे के अंदर का पीला भाग केमिकल से बने होने के चलते रंग छोड़ता है।

असली : असली अंडे में यह कोई रंग नहीं छोड़ता

नकली : अंदर की ओर आवरण या खोल में रबर जैसी लाइनिंग होती है

असली : अंडे के अंदर ऐसी कोई लाइनिंग नहीं देखी जाती।

नकली : अंडे को तोड़कर रख रख देने पर सफेद और पीला भाग कुछ देर में आपस में मिल जाएंगे। क्योंकि ये एक ही केमिकल से मिलते हैं सिर्फ कलर का अलग यूज किया जाता

असली : प्राकृतिक रूप होने के चलते सफेद और पीला हिस्सा अलग-अलग ही रहता है।

बॉक्स बॉक्स् ---फोटो प्रदीप कुमार श्रीवास्तव क

जांच के लिए नहीं आए अधिकारी

जानकीपुरम निवासी सीडीआरआई के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दो दिन पहले नरही से अंडे खरीदे थे। दुकानदार ने देशी अंडा बताकर दिया था। ये काफी अनयूजुअल लग रहे हैं और ऑमलेट बनाने पर इनका टेस्ट बहुत खराब है। घर में किसी को अच्छा नहीं लगा यहां तक कि कुत्ते ने भी नहीं खाया। इसकी शिकायत एफएसडीए अधिकारियों से की थी, लेकिन कोई इनका सैंपल कलेक्ट करने नहीं आया।

केंद्र से निर्देश मिलने के बाद प्रदेश के सभी जिलों में फूड सेफ्टी आफिसर्स को एलर्ट करते हुए जांच के आदेश दिए गए हैं। यदि केमिकल्स से बने नकली अंडे हैं तो ये खतरनाक हो सकते हैं।

- राम अरज मौर्य, एडिशनल कमिश्नर (एडमिन), एफएसडीए

रोड लगभग 300 से अधिक अंडे बेचता हूं। लेकिन इस सीजन में अब तक किसी ने नकली या खराब होने की शिकायत तो नहीं की।

अनिल मोदी, अंडे विक्रेता