- प्रस्ताव हो रहा तैयार, जेल विभाग के अधिकारियों ने साधी चुप्पी

- एसटीएफ टीम ने बागपत जेल में बंद सुनील राठी से की पूछताछ

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख : बागपत जेल के भीतर मुन्ना बजरंगी की सनसनीखेज हत्या से सन्न जेल प्रशासन प्रदेश की जेलों में बंद 40 कुख्यात अपराधियों की जेल बदलने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। हालांकि, इस पर जेल विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। चर्चा है सुनील राठी को बागपत जेल से हटाकर लखनऊ जेल भेजा जा सकता है। उधर, गुरुवार को एसटीएफ टीम ने जेल में सुनील राठी से कई घंटे तक पूछताछ की।

शासन भेजा जाएगा प्रस्ताव

जेल विभाग के सूत्रों के मुताबिक, बागपत की घटना के बाद जेल विभाग के आलाधिकारियों ने भी मान लिया है कि प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद तमाम कुख्यात अपराधियों ने अपने आतंक या लालच के बल पर सभी सुविधाएं हासिल कर रखी हैं। इतना ही नहीं, बागपत में तो पिस्टल भी भीतर तक जा पहुंची। मोबाइल व अन्य सामान तो आम बात है। ऐसे में इन कुख्यात बंदियों की जेलों में बदली करने से इनकी गतिविधियों पर काबू किया जा सकता है। यही वजह है कि पहले चरण में जेल प्रशासन ने 40 ऐसे कुख्यात बंदियों की सूची तैयार की है, जिन्हें दूसरी जेलों में भेजा जाएगा। बताया जा रहा है कि जेल मुख्यालय में इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और इसे मंजूरी के लिये जल्द ही शासन को भेजा जाएगा। इस बारे में एडीजी जेल चंद्रप्रकाश से पूछा गया तो उन्होंने इस पर ज्यादा न बोलते हुए कहा कि अपराधियों की जेल बदली निरंतर चलती रहने वाली प्रक्रिया है। जो हमेशा जारी रहती है।

बॉक्स।

एसटीएफ टीम ने की पूछताछ

मुन्ना बजरंगी को मौत के घाट उतारने के आरोपी कुख्यात अपराधी सुनील राठी से गुरुवार को एसटीएफ टीम ने जेल जाकर पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक, टीम ने राठी से यह जानने की कोशिश की कि जेल के भीतर उसके पास पिस्टल किसने पहुंचाई। टीम ने राठी से मुन्ना बजरंगी से दुश्मनी की वजह भी पूछी। बताया जाता है कि सुनील राठी पूछताछ के दौरान टीम को बरगलाता रहा। उसने यही कहा कि पिस्टल तो मुन्ना बजरंगी के पास थी। वह उसे मारना चाहता था लेकिन, उसने मुन्ना बजरंगी से पिस्टल छीनकर उसे गोली मार दी। करीब तीन घंटे तक पूछताछ के बाद टीम वापस लौट आई।

बॉक्स

मजिस्ट्रेट जांच शुरू

बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो चुकी है। जांच अधिकारी एडीएम ने पुलिस व जेल अधिकारियों से हत्याकांड से जुड़े साक्ष्य मांगे हैं। साथ ही आमजन भी एडीएम के समक्ष उपस्थित होकर लिखित या मौखिक साक्ष्य दे सकते हैं। इसके अलावा एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि वह मुन्ना बजरंगी के परिवार वालों को बयान देने के लिए उपस्थित होने की सूचना प्रेषित कराएं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की मजिस्ट्रेट जांच कराने की बात कही थी। इस पर डीएम ऋषिरेन्द्र कुमार ने एडीएम वित्त व राजस्व लोकपाल सिंह को जांच अधिकारी नामित किया। एडीएम ने जांच शुरू करते हुए तीन दिन के भीतर जेल अधीक्षक से हत्याकांड से संबंधित उपलब्ध अभिलेखों की प्रमाणित प्रति तथा थाना खेकड़ा प्रभारी निरीक्षक से समस्त अभिलेख, एफआइआर तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा आमजन भी 25 जुलाई तक किसी भी कार्य दिवस में सुबह 10 से शाम पांच बजे तक एडीएम के समक्ष उपस्थित होकर साक्ष्य उपलब्ध करा सकते हैं। एडीएम ने इसकी पुष्टि की है।