RANCHI: किसी की बॉडी पर अगर सफेद दाग हो जाए तो उसे टेंशन हो जाती है। वहीं, समय पर ट्रीटमेंट नहीं होने से यह बढ़ने भी लगता है। जिसे डॉक्टर विटिलिगो कहते हैं। लेकिन अब विटिलिगो के ऐसे पेशेंट्स को टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। चूंकि रिम्स में ही इस बीमारी का इलाज सनलाइट थेरेपी से किया जा रहा है। इसके तहत इफेक्टेड पार्ट पर लाइट की रे डाली जाती है। इसके कई सेशन के बाद इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। बताते चलें कि युवाओं में विटिलिगो की समस्या तेजी से बढ़ रही है।
ट्रीटमेंट का पूरा सेशन
विटिलिगो के मरीजों का डॉक्टर रिम्स में इलाज तो कर रहे हैं। वहीं, सनलाइट थेरेपी से भी ट्रीटमेंट किया जा रहा है, जिससे कि दाग को पूरी तरह से खत्म भी किया जा रहा है। इसके लिए पूरा सेशन भी तय किया गया है, जहां पेशेंट को एक दिन बीच कर थेरेपी दी जा रही है।
ओपीडी में डेली दो दर्जन मरीज
रिम्स के स्किन ओपीडी में हर दिन 200 से अधिक मरीज आते हैं, जिसमें विटिलिगो से ग्रसित मरीजों की संख्या दो दर्जन एवरेज है। कभी-कभी तो ज्यादा मरीज भी ओपीडी में दिखाने के लिए आ जाते हैं, जिसमें 15-30 साल के युवाओं की संख्या ज्यादा है।
लाइफस्टाइल में बदलाव बड़ी वजह
समय के साथ लोगों का खानपान बदल गया है। वहीं लाइफस्टाइल भी बदल चुकी है। इस वजह से लोग ज्यादातर बाहर का खाना खा रहे हैं। और फिजिकल एक्टिविटी तो लोग भूल ही चुके हैं। ऐसे में लोगों को सफेद दाग की समस्या हो रही है।
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विटिलिगो के लक्षण
-स्किन कलर के विपरीत गंदे धब्बे या घाव
-हाथ, पैर, चेहरे, गले और होठों पर हो सकता है
-समय से पहले बालों का सफेद होना, जगह-जगह बालों में सफेद धब्बे
-20 से 30 वर्ष की एज वाले आ रहे इसकी चपेट में
-दाग में किसी तरह की फीलिंग महसूस नहीं होती
-समय के साथ धब्बों का बढ़ता है आकार
क्यों होती है ये बीमारी
-शरीर का इम्युन सिस्टम कमजोर होना
-भोजन में प्रोटीन की कमी होना
-फंगल इंफेक्शन एक बड़ा कारण
-तनाव या चिंता के कारण
-फैमिली बैकग्राउंड भी एक कारण
वर्जन
आमतौर पर लोग इस पर ध्यान नहीं देते। लेकिन जब यह बीमारी बढ़ जाती है तो लोग मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि अब समाज के लोग क्या कहेंगे। लेकिन, अब इस बीमारी का इलाज है पूरी तरह से ठीक हो सकता है। नई थेरेपी से लोगों को लाभ मिलेगा।
डॉ। प्रभात कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, रिम्स