क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रिम्स में सुपारी सेंडर के कारनामे कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक हफ्ते के अंदर ही सुपारी सेंडर को लेकर दूसरी बार डायरेक्टर सेल में कंप्लेन हुई है. इसमें बताया गया है कि एक मरीज को जबरन रिम्स से छुट्टी कराकर प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेज दिया गया, जहां उसके इलाज में ढाई लाख रुपए खर्च हो गए. इस चक्कर में मरीज के परिजन को गहने भी बेचने पड़ गए और कर्ज लेने की नौबत आ गई. इसके बाद भी मरीज की स्थिति नहीं सुधरी तो वापस रिम्स में लाकर एडमिट करा दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत गई. अब परिजनों ने डायरेक्टर से कार्रवाई की गुहार लगाई है.

16 मार्च को भी हुई थी कंप्लेन

इमरजेंसी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों में कई गंभीर होते हैं. ऐसे में उन्हें प्रॉपर ट्रीटमेंट की जरूरत होती है. वहीं वार्ड में इलाज में थोड़ा देर होने पर रिम्स के सुपारी सेंडर मरीजों को नामी प्राइवेट हॉस्पिटलों में भेजने का काम कर रहे थे. इसकी कंप्लेन एक सोशल वेलफेयर सोसायटी ने 16 मार्च को डायरेक्टर से की थी, जिसके बाद आरोपी एक सिक्योरिटी गार्ड को नौकरी से भी हटा दिया गया. वहीं हेल्थ मिनिस्टर और हेल्थ सेक्रेटरी से भी इस मामले में कंप्लेन की गई थी. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि भोले-भाले मरीजों को निशाना बनाने वाले सुपारी सेंडरों पर रिम्स प्रबंधन कब लगाम कसेगा.