RANCHI: सुपरस्पेशियलिटी सदर हॉस्पिटल में मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इमरजेंसी को करीब 100 मीटर दूर नई बिल्डिंग में शिफ्ट तो कर दिया गया है। लेकिन यह इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। वहीं गंभीर मरीजों को अटेंड करने के लिए इंट्रेंस गेट पर ट्राली मैन भी नहीं है। इतना ही नहीं, वहां पर मरीजों के लिए ट्राली और व्हील चेयर भी अवेलेबल नहीं है। ऐसे में गंभीर मरीजों को तत्काल इमरजेंसी में कैसे पहुंचाया जा सकेगा। बताते चलें कि गंभीर मरीजों को तत्काल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है।

ट्राली-व्हीलचेयर भी नदारद

सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग में मैटरनिटी और चाइल्ड वार्ड को प्राथमिकता दी गई है। वहीं वर्तमान में गर्भवती और बच्चों का ही इलाज भी हो रहा है। इसके बावजूद मरीजों को लाने -ले जाने वाली ट्राली और व्हील चेयर इंट्रेंस गेट से गायब हो गई है। जबकि कुछ महीने पहले गर्भवती महिला को ट्राली नहीं मिलने के कारण काफी दिक्कत झेलनी पड़ी थी। अधिकारियों की फटकार के बाद व्यवस्था कुछ दिनों के लिए बदल गई। लेकिन टाइम बीतने के साथ व्यवस्था पहले जैसी हो गई है।

इमरजेंसी का बोर्ड तक नहीं

सदर हॉस्पिटल नए लोगों के लिए भूल-भुलैया है। ऐसे में जब कोई मरीज को गंभीर हालत में लेकर आए तो उसे इमरजेंसी का पता लगाने में ही समय निकल जाएगा। जिससे कि मरीज की जान को भी खतरा है। इसके बावजूद हॉस्पिटल प्रबंधन ने कहीं भी बोर्ड नहीं लगाया है। और न ही इमरजेंसी में किसी की तैनाती की गई है। जिससे कि इमरजेंसी में आने वालों को जानकारी मिल सके कि वार्ड कहां है।

आते हैं 300 मरीज, वार्ड सिर्फ 3 बेड का

इमरजेंसी में एक्सीडेंट के अलावा तरह-तरह के मरीज भी इलाज के लिए आते हैं। ऐसे मरीजों की संख्या 300 के पार है। फिर भी प्रबंधन ने केवल तीन बेड का वार्ड बनाया है। इस बीच अगर कोई बड़ी घटना हो जाए तो मरीजों को इमरजेंसी से ही रेफर करना पड़ेगा।