150 करोड़ लागत

160 बेड

7 ओटी

5-5 बेड वाले हर विभाग में आईसीयू भी तैयार

70 करोड़ से ज्यादा कीमत के उपकरण लगे

15 जनवरी तक पीडियाट्रिक सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी को शुरु करने की कवायद

गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए नहीं जाना होगा शहर से बाहर

एलएलआर मेडिकल कॉलेज में ही सुपरस्पेशलिटी विंग बनकर तैयार

Meerut। मेरठ व आसपास के जिलों के मरीजों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बाहर नहीं जाना होगा। मिनी एम्स जैसी सुविधाओं मेरठ में ही मरीजों को मिल सकेगी। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना यानी पीएमएसएसवाई के तहत एलएलआर मेडिकल कॉलेज में ही सुपरस्पेशलिटी विंग बनकर तैयार हो गया है। नए साल में मरीजों को यहां इलाज मिलना भी शुरु हो जाएगा।

दो डिपार्टमेंट होंगे शुरु

एम्स की तर्ज पर बनाएं गए इस विंग में आठ स्पेशलिटी विभाग तैयार किए गए हैं। जिसमें से शासन और अस्पताल प्रशासन फिलहाल दो विभागों को शुरु करने की तैयारी कर रहा है। जिनमें से पीडियाट्रिक सर्जरी और प्लास्टिक सर्जरी को 15 जनवरी तक शुरु करने की कवायद अस्पताल प्रशासन की ओर से की जा रही है। इसके लिए डॉक्टर्स भी चयनित कर दिए गए हैं। इसके अलावा यहां न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, नेफरोलॉजी,, न्यूरोसर्जरी, कार्डियोथोरोसिक व वस्कुलर सर्जरी और रेडियोलॉजी विभाग को शामिल किया गया है।

160 बेड की क्षमता, 7 ओटी

पीएमएसएसवाई के तहत 150 करोड़ रूपये की लागत से तैयार इस विंग में 160 बेड की क्षमता समाहित हैं। 7 ओटी और हर विभाग में 5-5 बेड वाले आईसीयू भी तैयार किए गए हैं। एमसीआई के मानकों के अनुसार यहां 70 करोड़ से ज्यादा कीमत के उपकरण भी लगा दिए गए हैं। हालांकि सभी विभागों को शुरु करने के लिए अभी अस्पताल प्रशासन को डॉक्टर्स नहीं मिल पा रहे हैं। जिनकी तैनाती के लिए विभाग पुरजोर कोशिश कर रहा है।

यूरोलॉजी नहीं हैं शामिल

मेरठ मेडिकल कॉलेज में बने इस नए मिनी एम्स को जहां वेस्ट यूपी के मरीजों का हब बनाने की कवायद चल रही है वहीं शासन की ओर से यहां यूरोलॉजी विभाग शामिल नहीं किया गया है। जबकि आयुष्मान योजना के तहत यूरोलॉजी की 161 तरह की बीमारियों को सम्मिलित किया गया है। जबकि मेडिकल कॉलेज में भी यूरोलॉजी के लिए अलग से विभाग नहीं हैं। यहां रोजाना करीब 250 से 300 मरीज यूरोलॉजी के आते हैं।

सुपरस्पेशलिटी विंग तैयार हो गया है। जनवरी तक दो विभाग शुरु करने की योजना है। इनके लिए डॉक्टर्स का भी चयन कर लिया गया है।

डॉ। सुधीर राठी, नोडल इंचार्ज, सुपरस्पेशलिटी विंग एलएलआर मेडिक कॉलेज

विंग का प्रस्ताव तैयार करते समय यूरोलॉजी विभाग को भी शामिल किया जाना चाहिए था। उस वक्त यहां कोई और प्रिंसिपल थे इसलिए मुझे इसकी ज्यादा जानकारी नहीं हैं।

डॉ। आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज