वन नेशन वन सिलेबस के लिए संविधान का हवाला

वन नेशन वन सिलेबस पर भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की पत्नी व प्राइमरी स्कूल शिक्षक नीता उपाध्याय की तरफ से पेश अधिवक्ता साजन पूवाय्या ने इसके समर्थन में संविधान तक का हवाला दिया, लेकिन चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की बेंच इस पर विचार करने को तैयार नहीं हुई। पूवाय्या ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 16 में प्रावधान है कि सभी बच्चों को बराबर के अवसर मिलें, लेकिन देश में कई पाठ्यक्रम लागू होने से बच्चों को सही दिशा में बढऩे का मौका नहीं मिल पा रहा है। उनका यह भी कहना था कि संविधान का अनुच्छेद 21 ए में माना गया है कि शिक्षा बच्चों का मूलभूत अधिकार है।

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कॉमन टेक्सट बुक की याचिका में थी मांग

कार्यपालिका ने इस पर अमल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। याचिका में कहा गया था कि एक कॉमन टेक्सट बुक शुरू की जाए, जिसमें मूलभूत अधिकार, बुनियादी कर्तव्य आवश्यक सिद्धांत व ग्रेट गोल्डन गोल (बड़े लक्ष्य) का ब्योरा है। इससे बच्चों को संविधान व अपने कर्तव्यों से अच्छी से वाकिफ होने का मौका मिलेगा। नई व्यवस्था लागू होने से आइसीएसई व सीबीएसई के तहत कई चल रही कई बोर्ड प्रणाली की व्यवस्था पर रोक लग सकेगी। बेंच में एएम खानविलकर व डीवाई चंद्रचूड भी शामिल रहे।

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