नई दिल्ली (एएनआई)। सुप्रीम कोर्ट को जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में शपथ ली। भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 16 मई को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मिश्रा और विश्वनाथन को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट करने की सिफारिश की और केंद्र ने गुरुवार को उनके नामों को परमीशन दे दी।

जानें काैन हैं विश्वनाथन

26 मई, 1966 को जन्मे विश्वनाथन सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में अपनी नियुक्ति के बाद 25 मई, 2031 तक अपनी सेवा देंगे। 11 अगस्त, 2030 को जस्टिस जेबी पारदीवाला के रिटायर होने पर विश्वनाथन 25 मई, 2031 को अपने रिटायरमेंट तक भारत के चीफ जस्टिस का पद संभालने के लिए कतार में होंगे। बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले वकीलों की लिस्ट में विश्वनाथन दसवां नाम बन गया है। वह जस्टिस एसएम सीकरी, यूयू ललित और पीएस नरसिम्हा के बाद भारत के चीफ जस्टिस बनने वाले चौथे व्यक्ति होंगे। विश्वनाथन ने कोयम्बटूर लॉ कॉलेज, भरथियार विश्वविद्यालय से पांच साल की कानून की डिग्री पूरी की और 1988 में बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु में दाखिला लिया। दो दशकों से अधिक समय तक सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रैक्टिस करने के बाद, उन्हें 2009 में एक सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया। विश्वनाथन, एक फाॅर्मर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं। बार के एक प्रतिष्ठित सदस्य के रूप में उनके कद को सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई मामलों में मान्यता दी गई है, जहां उन्हें न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता के लिए नियुक्त किया गया था।

जानें काैन हैं प्रशांत कुमार मिश्रा

प्रशांत कुमार मिश्रा को 10 दिसंबर, 2009 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 13 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट के मुख्य जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था। कॉलेजियम ने अपने प्रस्ताव में कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय की वर्तमान संरचना में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने तेरह वर्षों से अधिक समय तक हाईकोर्ट के जस्टिस के रूप में कार्य किया है और हाईकोर्ट के जस्टिस अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में क्रम संख्या 21 पर हैं। शीर्ष अदालत में वर्तमान में 34 जजों की स्वीकृत शक्ति है और 32 के साथ काम कर रही थी। अब शीर्ष अदालत में पूरी क्षमता होगी। जुलाई के दूसरे सप्ताह तक चार रिक्तियां निकलने वाली हैं।

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