नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार  पत्रकार प्रशांत कनौजिया को जमानत दे दी। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और अजय रस्तोगी सहित एक अवकाश पीठ ने कहा, राइट टू लिबर्टी, एक मौलिक अधिकार है। ऐसे में किसी के स्वतंत्रता के अधिकार से समझाैता नहीं किया जा सकता है। हालांकि पीठ ने यह भी कहा कि जमानत देने का मतलब यह नहीं है कि यह पत्रकार के ट्वीट या सोशल मीडिया पर पोस्ट को अप्रूवल मिल गया है। बीते शनिवार को सीएम योगी पर ट्विटर और फेसबुक पर अभद्र टिप्पणी करने वाले प्रशांत को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया था।

सीएम योगी के लिए सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने वाला युवक गिरफ्तार

ये था पूरा मामला

बता दें कि बीते गुरुवार को पांच कालिदास मार्ग पर कानपुर निवासी एक युवती मुख्यमंत्री से मिलने पहुंची थी। युवती ने सीएम पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसी प्रकरण में प्रशांत ने ट्विटर पर युवती का वीडियो पोस्ट कर सीएम पर अशोभनीय टिप्पणी की। हजरगंज के दारोगा विकास कुमार ने मामले पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी। तहरीर में लिखा कि मुख्यमंत्री के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी कर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है। इसके बाद साइबर क्राइम सेल की टीम ने नोएडा में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया था। इसके बाद इनकी पत्नी ने इसे गिरफ्तारी को गैरकानून बताते सोमवार को सुप्रीम का रूख किया था।

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