नई दिल्ली (एएनआई)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम को INX मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है। इस मामले को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दर्ज किया था। जज आर बनुमथी, जज ए एस बोपन्ना और जज हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें चिदंबरम को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने माना कि चिदंबरम सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और गवाह को भी प्रभावित नहीं करेंगे। इसके अलावा वह इस मामले में कोई भी प्रेस इंटरव्यू और सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।

विदेश नहीं जा सकते हैं चिदंबरम

वहीं, चिदंबरम को 2 लाख रुपये की जमानत राशि देने का भी निर्देश दिया गया है। अदालत ने कहा है कि चिदंबरम कोर्ट की अनुमति के बिना विदेश यात्रा नहीं कर सकते। शीर्ष अदालत ने 28 नवंबर को पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था, जो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। चिदंबरम और ईडी की ओर से वकीलों की दलीलें सुनने के बाद जज आर बनुमथी की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश सुरक्षित रखा था। बता दें कि हाई कोर्ट ने 15 नवंबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं और उन्होंने अपराध में 'सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका' निभाई है।

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2017 में सीबीआई ने चिदंबरम के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला किया था दर्ज

चिदंबरम ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये में आईएनएक्स मीडिया को दिए गए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से संबंधित एक मामले में जमानत मांगी थी। सीबीआई ने मई 2017 में इस संबंध में एक भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। उस साल के अंत में, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया था। कांग्रेस नेता को पहली बार 21 अगस्त को INX मीडिया भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था लेकिन दो महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। इसके बाद 16 अक्टूबर को उन्हें& मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।

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