न तो जरूरी सामान था और न ही फैकल्टी में पर्याप्त शिक्षक
नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार, उत्तर प्रदेश व झारखंड के आठ सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 800 दाखिलों को मंजूरी दे दी है।इससे अब यहां एमबीबीएस और बीडीएस स्टूडेंट दाखिला ले सकेंगे।हालांकि यह मंजूरी 2018-19 के सत्र के लिए दी गई है।ये वही काॅलेज हैं जिन्हें मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने  एक अपने निरीक्षण के दौरान अनुपयुक्त करार दे दिया था क्योंकि यहां न तो जरूरी सामान था और न ही फैकल्टी में पर्याप्त शिक्षक थे।

इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को रखी गई 
ऐसे में कल जस्टिस एस अब्दुल नजीर व इंदु मल्होत्रा की बेंच ने इसकी सुनवाई की। इस दौरान बेंच ने कहा कि  राज्य सरकार व प्रबंधन तय समय सीमा के भीतर सारी कमियों को दूर करेगा।इसके लिए राज्यों के मुख्य सचिवों व प्रधान सचिवों (शिक्षा) को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं एमसीआई तीन माह बाद इन कॉलेजों का दौरा करके देखेगी कि इन काॅलेजों ने कमियों को दूर किया गया या नहीं। कोर्ट ने इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को रखी गई है।  

आठ मेडिकल संस्थनाें में इन काॅलेजों का नाम शामिल
कोर्ट ने पिछले फैसले में कहा था कि जिन मेडिकल संस्थानों में सुविधाएं नहीं हैं, वहां दाखिले की अनुमति नहीं दी जाएगी। आठ मेडिकल काॅलेजों में अनुराग नारायण मगध मेडिकल कॉलेज गया, वर्धमान इंस्टीट्यूट नालंदा व गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया,  झारखंड का जमशेदपुर में स्थित महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज और यूपी में बांदा का गवर्नमेंट एलोपैथिक कॉलेज, सहारनपुर का गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, आजमगढ़ व जालौन के संस्थान शामिल हैं।

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