नई दिल्ली (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वकील प्रशांत भूषण को गुजरात में एक सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी जयदेव जोशी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में फिलहाल गिरफ्तारी से बचा लिया है। प्रशांत भूषण पर आरोप है कि रामायण और महाभारत के साथ अफीम का उपयोग करके उन्होंने हिंदू धार्मिक भावना को आहत किया है। प्रशांत भूषण ने हाल ही में एक ट्वीट किया था कि लॉकडाउन के दौरान करोड़ों लोग भूखे है और हजारों लोग मीलों पैदल चल रहे हैं लेकिन इस दौरान हमारे मंत्री रामायण महाभारत सीरियल की अफीम खा रहे हैं और लोगों को भी वही खिला रहे हैं। उनके इस ट्वीट का विरोध हुआ और गुजरात में सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी जयदेव जोशी ने केस दर्ज करा दिया था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

आप टीवी देखने वाले लोगों पर आपत्ति कैसे कर सकते हैं ?

प्रशांत भूषण ने गुजरात में अपने खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को चुनौती देते हुए इसके निराकरण की मांग की है। इस मामले में आज जस्टिस अशोक भूषण और संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि कोई भी व्यक्ति टीवी पर कुछ भी देख सकता है। आप कैसे कह सकते हैं कि लोग यह नहीं देख सकते वह नहीं देख सकते हैं? आप टीवी देखने वाले लोगों पर आपत्ति कैसे कर सकते हैं? प्रशांत भूषण के वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि हम किसी के टीवी पर कोई कार्यक्रम देखने पर एतराज नहीं जता रहे। हम यहां एफआईआर का केस लेकर आए हैं। बेंच ने गुजरात पुलिस को अगला आदेश नहीं जारी किए जाने तक एफआईआर के आधार पर प्रशांत भूषण के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस से भी दो सप्ताह में जवाब मांगा

इतना ही नहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस से भी दो सप्ताह में जवाब मांगा। प्रशात भूषण के यह खिलाफ एफआईआर रविवार शाम राजकोट शहर के भक्तिनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई। इसके बाद इस मामले की जांच स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को साैप दी गई। वहीं जोशी ने शिकायत में लाॅकडाउन के दैरान दूरदर्शन (डीडी) ने रामायण और महाभारत का प्रसारण शुरू किया है। इस दाैरान भूषण द्वारा 28 मार्च को किए गए ट्वीट में रामायण और महाभारत के साथ अफीम शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया, जिससे कई हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

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