कोर्ट कोई फैसला नहीं ले सकता
नई दिल्ली (प्रेट्र)। आज सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि इस मामले में कोर्ट कोई फैसला नहीं ले सकता है। यह उसके अधिकार में नहीं है। वहीं सीबीएसई के पेपर लीक मामले में मानव संसाधन विकास मंत्रालय काफी एक्टिव है। एचआरडी के स्कूल शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप का कहना है कि दोबारा पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए एक पैनल बनाया है। इसमेंशामिल सदस्य पूर्व स्कूल शिक्षा सचिव वी. एस. ओबेरॉय की अध्यक्षता में जांच करेंगे। यह रिपोर्ट मनाव संसाधन विकास मंत्रालय को 31 मई तक सौपेंगे। इसमें परीक्षा की खामियों को दूर करने और सुरक्षित यानी कि फूलप्रूफ कराने के उपाय सुझाए जाएंगे। इसके अलावा इसमें हाईटेक टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की क्या भूमिका होगी इसका भी सुझाव होगा।

मानवाधिकारों के हनन की बात कही गई

बतादें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी की सीबीएसई के हाल ही में 10 वीं और 12 वीं कक्षा गणित और इकोनॉमिक्स के पेपर लीक होने के मामले सामने आए हैं। ऐसे में बोर्ड द्वारा इन परीक्षाओं को दोबारा कराए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुई थीं। इन दायर याचिकाओं में स्टूडेंट के मानवाधिकारों के हनन की बात कही गई थी। साथ ही यह भी मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट जांच पूरी होने तक लीक हुए पेपर की दोबारा परीक्षा होने पर रोक लगा दे। ऐसे में बीते शनिवार को इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने फैसला लिया था कि इस मामले में अब तक कई याचिकाएं आ चुकी हैं। ऐसे में अब इन पर 4 अप्रैल को विस्तृत रूप से सुनवाई की जाएगी।

दसवीं के स्टूडेंट को मिली राहत

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी की सीबीएसई के हाल ही में 10 वीं और 12 वीं कक्षा गणित और इकोनॉमिक्स के पेपर लीक होने के मामले सामने आए थे। 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर 26 मार्च को हुआ था। वहीं 10वीं मैथ का पेपर 28मार्च को हुआ था। इसके बाद 28 मार्च को पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद बोर्ड ने दोनों पेपर दोबारा कराने का ऐलान किया था। सीबीएसई ने 12वीं का एग्जाम दोबारा कराने के लिए 25 अप्रैल की तिथि घोषित कर दी है। वहीं 10वीं के पेपर को लेकर संशय था लेकिन कल मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ऐलान कर दिया है कि 10वीं के स्टूडेंट को दोबारा पेपर नहीं देना पड़ेगा। इसकी जांच की जा रही है।

CBSE पेपर लीक: 10वीं के स्टूडेंट को दोबारा नहीं देना होगा मैथ का एग्जाम


CBSE पेपर लीक और बोर्ड परीक्षा 2018 से जुड़ी 7 बातें FAQ मोड में


कोर्ट कोई फैसला नहीं ले सकता
नई दिल्ली (प्रेट्र)। आज सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि इस मामले में कोर्ट कोई फैसला नहीं ले सकता है। बतादें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी की सीबीएसई के हाल ही में 10 वीं और 12 वीं कक्षा गणित और इकोनॉमिक्स के पेपर लीक होने के मामले सामने आए हैं। ऐसे में बोर्ड द्वारा इन परीक्षाओं को दोबारा कराए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुई थीं। इन याचिकाओं में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट जांच पूरी होने तक लीक हुए पेपर की दोबारा परीक्षा होने पर रोक लगा दे। ऐसे में बीते शनिवार को इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने फैसला लिया था कि इस मामले में अब तक कई याचिकाएं आ चुकी हैं। ऐसे में अब इन पर 4 अप्रैल को विस्तृत रूप से सुनवाई की जाएगी।

दसवीं के स्टूडेंट को मिली राहत
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी की सीबीएसई के हाल ही में 10 वीं और 12 वीं कक्षा गणित और इकोनॉमिक्स के पेपर लीक होने के मामले सामने आए थे। 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर 26 मार्च को हुआ था। वहीं 10वीं मैथ का पेपर 28मार्च को हुआ था। ऐसे में पहला मामला 27 मार्च को 12वीं के इकोनॉमिक्स के पेपर लीक होने का दर्ज हुआ था। इसके बाद 28 मार्च को 10वीं मैथ के पेपर लीक की रिपोर्ट सीबीएसई के रीजनल डायरेक्टर द्वारा दर्ज कराई गई थी। इसके बाद बोर्ड ने दोनों पेपर दोबारा कराने का ऐलान किया था। सीबीएसई ने 12वीं का एग्जाम दोबारा कराने के लिए 25 अप्रैल की तिथि घोषित कर दी है। वहीं 10वीं के पेपर को लेकर संशय था लेकिन कल मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ऐलान कर दिया है कि 10वीं के स्टूडेंट को दोबारा पेपर नहीं देना पड़ेगा। इसकी जांच की जा रही है।

National News inextlive from India News Desk