नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल की ऐतिहासिक पुरी रथ यात्रा पर कोरोना वायरस की वजह से रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित में, ओडिशा के पुरी में इस साल की रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अगर हम इस साल की रथ यात्रा का आयोजन करने देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे। सीजेआई बोबडे ने कहा कि महामारी के दौरान इतनी बड़ी सभा नहीं हो सकती।

भीड़ बढ़ेगी तो कोरोना के संक्रमण का खतरा अधिक होगा

पीठ ने ओडिशा सरकार से कहा कि वह राज्य में कहीं भी यात्रा या तीर्थयात्रा जुलूस और संबंधित गतिविधियों को अनुमति नहीं दे सकती ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर रथ यात्रा को अनुमति दी जाती है तो लोगों की भारी भीड़ जुटेगी और कोरोना द्वारा संक्रमण का खतरा अधिक होगा। पीठ ने कहा कि यह गंभीर मामला है।

रथ यात्रा स्थगित करने के लिए जनहित याचिका दायर

केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए कल तक का समय चाहिए। इस मामले में हस्तक्षेप करने वाले एक वकील ने कहा कि ओडिशा सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है कि 30 जून तक कोई सार्वजनिक सभा नहीं की जाएगी। शीर्ष अदालत का यह आदेश ओडिशा स्थित एनजीओ द्वारा इस साल की रथ यात्रा को रद करने या स्थगित करने के लिए दायर जनहित याचिका पर आया है।

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