- बर्खास्त एमएलए ने खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

- विधानसभा के मानसून सत्र में शामिल होंगे चारो बागी विधायक

PATNA: सुप्रीम कोर्ट ने जेडीयू से बर्खास्त चार एमएलए की विधानसभा की मेंबरशिप फिर से बहाल कर दी है। इससे चार बागी विधायकों को बड़ी राहत मिली है, तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के लिए बड़ा झटका भी लगा है। जेडीयू की ओर से जाने-माने नेता व वकील कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद समेत पांच वकील मौजूद थे।

बागी विधायक शामिल होंगे मानसून सत्र में

सुप्रीम कोर्ट ने विधायकी समाप्त करने संबंधी पटना हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले से ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, रवींद्र राय, राहुल शर्मा और नीरज कुमार बबलू के विधानसभा के मानसून सत्र में शामिल होने का रास्ता साफ कर दिया है।

विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को लगा झटका

राज्यसभा चुनाव में दलविरोधी गतिविधियों के कारण जेडीयू ने अपने चार एमएलए की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा के स्पीकर उदय नारायण चौधरी को आवेदन दिया था। स्पीकर ने अपना फैसला सुनाते हुए चारों एमएलए को बर्खास्त कर दिया था। हाईकोर्ट के डबल बेंच ने भी स्पीकर के फैसले को सही करार दिया था। इसके बाद बर्खास्त एमएलए ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। फैसले के बाद रवीन्द्र राय ने कहा कि सच को परेशान किया जा सकता है, लेकिन हराया नहीं किया जा सकता। नीतीश कुमार के इशारे पर हमें तरह-तरह से परेशान किया गया।

स्पीकर ने पद की गरिमा घटायी थी

ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार और विधानसभा के स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने मिल कर लोकतंत्र का गला घोंटा था। सुप्रीम कोर्ट से हमें ऐसे ही फैसले की उम्मीद थी। स्पीकर ने संवैधानिक पद की गरिमा के उलट सीएम के आदेशपाल की तरह काम किया था। पूर्व विधायक की सुविधा छीन कर स्पीकर ने संविधान विरोधी काम किया था। अब नीतीश कुमार मेरे खिलाफ चुनावी मैदान में आएं।