सुप्रीम कोर्ट की टीम आज और कल परखेगी परिषदीय विद्यालयों में सुविधाएं

रजिस्टर से लेकर टॉयलेट तक दुरुस्त कराने में लगे रहे अफसर और अध्यापक

सुप्रीम कोर्ट की टीम के सामने पेशी है। इसी से पूरे प्रदेश का मैसेज जाना है। लिहाजा न सरकार चाहती है कि कोई किरकिरी हो और न ही अफसर कोई रिस्क लेने के मूड में हैं। बुधवार को पूरे दिन अफसरों के साथ स्कूलों में अध्यापक और ग्राम प्रधान के साथ एमडीएम देखने वाली समिति के सदस्य तक एक-एक चीज को अप टु डेट करने में लगे रहे। भले ही अपना पैसा लगा हो लेकिन बुधवार को बंद करने के समय स्कूलों को अप टु मार्क बनाने की कवायद पूरी कर ली गई। ऑफिशियल कोई आदेश नहीं है लेकिन अन ऑफिशियली सभी टीचर्स को संदेश दे दिया गया है कि कोई इन दो दिनों में कोई अवकाश न ले। इतने के बाद भी अफसरों से लेकर अध्यापकों तक की सांसें टंगी रहीं।

पूरे प्रदेश का पैमाना बनेगा निरीक्षण

बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूलों की संख्या जिले में 3209 है। इन स्कूलों की व्यवस्था को परखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने खुद टीम गठित की है। इलाहाबाद में पहले फेज में चेकिंग होनी है। माना जा रहा है कि यहां सब कुछ ओके मिल गया तो बेसिक शिक्षा की बदहाल स्थिति पर उठ रहे सवालों पर काफी हद तक विराम लग जाएगा। इसी के चलते पिछले सप्ताह से विभाग और इससे जुड़े जनप्रतिनिधियों ने स्कूल को संवारने के लिए पूरी ताकत लगा दी है।

एबीएसए सिर्फ स्कूल दिखाएंगे

सुप्रीम कोर्ट की टीम को किस स्कूल को चेक करना है? क्या-क्या सवाल पूछने हैं? सब कुछ टीम ही तय करेगी। टीम की अगवानी के लिए एबीएसए को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह टीम को रिसीव करेंगे। टीम बताएगी कि किस रास्ते पर चलना है। रास्ते में कौन-कौन से स्कूल पड़ते हैं यह जानकारी एबीएसए टीम को देंगे। टीम के इच्छा जताने पर एबीएसए उन्हें लेकर स्कूल तक जाएंगे। स्कूल के भीतर पहुंचाने के बाद वह प्रिमाइस से बाहर हो जाएंगे। मतलब निरीक्षण के समय उनका साया भी स्कूल प्रिमाइस में नहीं होगा। जवाब देही सिर्फ स्कूल स्टॉफ मेम्बर्स और एमडीएम सप्लाई का काम देखने वालों की होगी। इसके बाद टीम अपने तरीके से चीजों को परखेगी और रिपोर्ट तैयार करेगी।

आनन-फानन में बांटी गई किताबें

सुप्रीम कोर्ट की टीम के आने का परिणाम यह हुआ है कि सरकार ने आनन-फानन में स्कूलों को किताबों का बंडल भेज दिया है। प्राइमरी स्कूलों में मैथ्स को छोड़कर सभी सब्जेक्ट्स की किताबें सोमवार को ही स्कूलों में पहुंचा दी गई। दो दिन से इसका वितरण किया जा रहा है ताकि बच्चों की संख्या बढ़े। इसके अलावा स्कूलों में टायलेट से लेकर बिल्डिंग तक को चमका दिया गया है। क्लासेज को डेकोर किया जा चुका है। बच्चों के लिए ईजी लर्निग मॅटिरियल से लेकर हैंडवाश, टॉवेल, हारपिक आदि मंगवा लिया गया है। बुधवार को बच्चों को इसका इस्तेमाल कैसे करना है इसकी पूरी जानकारी दी गई। साथ ही उन्हें साफ-सुथरा होकर स्कूल पहुंचने को कहा गया। गावों में प्रधान और शहर में एमडीएम सप्लाई एजेंसी के मेम्बर्स ने भी ब्रांडेड मॅटिरियल की सप्लाई शुरू कर दी है।

टीम का फोकस एरिया

स्कूल में लड़के-लड़कियों के लिए अलग शौचालय है या नहीं

वहां साफ-सफाई की क्या व्यवस्था है, रोज सफाई होती है या नहीं

बच्चों की स्कूलों में उपस्थिति की क्या स्थिति है

बच्चों को दिया जाने वाला एमडीएम किस क्वालिटी का है

एमडीएम बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री ब्रांडेड है या नहीं

हैंडीकैप्ड बच्चों के लिए रैंप की व्यवस्था है या नहीं, है तो किस हाल में है

सुप्रीम कोर्ट की टीम को गुरुवार को आना है। दो दिनो तक टीम स्कूलों को चेक करेगी। हमारी तरफ से पूरी तैयारी है।

हरिकेश यादव

बीएसए, इलाहाबाद