रद हुआ जाट आरक्षण

सुप्रीम कोर्ट ने आज सुबह जाट आरक्षण कानून को गैर जरूरी मानते हुए निरस्त कर दिया. सर्वोच्च अदालत द्वारा निरस्तीकरण से पहले तक यह कानून देश के 9 राज्यों में लागू था. यूपीए सरकार ने इस कानून को अधिसूचना के रास्ते से लागु कराया था. लेकिन इसके बाद बहुमत से चुनी गई बीजेपी सरकार ने भी इस कानून पर अपनी मंजूरी जारी रखी.

कोर्ट ने माना गैरजरूरी है आरक्षण

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ओबीसी संगठनों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया कि जाटों को आरक्षण की जरुरत नहीं है. जाटोंहै. को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया गया है. ओबीसी संगठनों ने अपनी याचिका में कोर्ट से मांग करते हुए कहा कि जाटों को ओबीसी में शामिल किए जाने से ओबीसी श्रेणी में शामिल जातियों पर प्रभाव पड़ेगा. कोर्ट ने इस मामले पर दलीलों को सुनने के बाद कहा कि एससी रिजर्वेशन शुरु होने के बाद से इसमें सिर्फ नई जातियों को जोड़ा गया है और किसी भी जाति को आरक्षित श्रेणी से बाहर नहीं किया है. इसके बाद यूपीए सरकार को लताड़ते हुए कोर्ट ने बोला कि यूपीए सरकार ने तत्थों के बगैर फैसला लिया था जो कि पूरी तरह से गलत है. इसलिए इस कानून को रद किया जाता है.

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk