क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ :जून महीने के दूसरे सप्ताह से देश में इकोनामी सर्वे शुरू हो रहा है. इससे रांची में एक हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा. सर्वे को पूरा करने के लिए 13 हजार लोगों की जरूरत है, जिसमें से 8500 लोगों ने इसके लिए परीक्षा भी पास कर ली है. इस बार सर्वे के लिए सरकारी कर्मचारियों को नहीं लगाया जा रहा है. बल्कि उनकी जगह राज्य में जितने भी कॉमन सर्विस सेंटर हैं उनके माध्यम से इस आर्थिक सर्वे को पूरा किया जाएगा.

रांची में जुटेंगे 400 सीएससी

इकोनामी सर्वे के काम में शामिल होने के लिए पहले एक परीक्षा पास करनी होगी. जो युवा परीक्षा पास करेंगे उन्हीं को आर्थिक आधार पर जनगणना करने का काम दिया जाएगा. अभी भी कई सेंटर पर एग्जाम चल रहा है. रांची में सातवीं आर्थिक जनगणना को पूरा करने के लिए 400 सीएसी शामिल रहेंगे. इस गणना के लिए गांव में पांच और शहरी क्षेत्र में दस तथा अर्धशहरी क्षेत्र में सात गणनाकारों को लगाया जाएगा. आर्थिक आधार पर जनगणना का यह कार्य केंद्र सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से कराया जा रहा है. बता दें कि यह र्का पहले सरकारी कर्मचारियों से कराया जाता था, इससे सरकारी कार्य भी प्रभावित होता था. अब ऐसा नहीं होगा.

हर घर जाकर होगा सर्वे

आर्थिक आधार पर जनगणना के तहत रांची में मकानों, दुकानों और सभी छोटे-बड़े उद्योगों का सर्वे उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. सातवीं जनगणना का यह कार्य मार्च 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वर्तमान में रांची में हर ग्राम पंचायत में सीएससी केन्द्र संचालित हो रहा है, इसके चलते जनगणना का कार्य करने में आसानी होगी.

पूरी तरह होगा डिजिटल

झारखंड के सीएससी के राज्य प्रभारी शंभू कुमार ने बताया कि आर्थिक आधार पर जनगणना का काम ऑनलाइन किया जाएगा. पूरी गणना पेपरलेस होगी, मोबाइल या टेबलेट के माध्यम से जनगणना की जाएगी. सभी डिटेल वार्ड पार्षद, मुखिया के सामने मोबाइल में ऑनलाइन अपलोड की जाएगी. प्रत्येक सेंटर पर पांच से दस ऑपरेटर की भी टीम बनेगी. जिससे गणना करने में आसानी होगी, सुपरवाइजर अपने एरिया के व्यक्तियों को ऑपरेटर बना सकते हैं.