-दो फेजेस में होगी गणना, लेकिन सेकेंड फेज की डेट अब तक घोषित नहीं

देहरादून,

करीब 12 वर्षो पर राज्य में वाइल्ड एनिमल्स का सर्वे होगा। दो फेजेस में होने वाले सर्वे के लिए पहले फेज की तारीख तो तय कर दी गई है। लेकिन सेकेंड फेज के लिए अभी इंतजार करने की बात कही जा रही। खास बात ये है कि इन वाइल्ड एनिमल्स की गणना अबकी बार जीपीएस व कैमरा ट्रैप से की जाएगी। इसमें फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ (व‌र्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड) व डब्ल्यूआईआई की मदद ली गई है।

वाटर एनिमल्स के लिए होगी ट्रेनिंग

यह पहला मौका होगा, जब 22 से 24 फरवरी तक स्टेट में पहली बार मगरमच्छ, घडि़याल व ऊदबिलाव (ओटर) की गिनती होगी। लेकिन गिनती से पहले वन विभाग ने इनका सर्वे करने का निर्णय लिया है। फ‌र्स्ट फेज में होने वाली इस गणना के तहत गिनती होने के बाद पंद्रह दिनों में रिजल्ट घोषित कर दिए जाएंगे। चीफ फॉरेस्ट कंजर्वेटर वाइल्ड लाइफ आरके मिश्रा के अनुसार इससे पहले वर्ष 2008 में कार्बेट टाइगर रिजर्व में मगरमच्छ व घडि़यालों की गिनती हुई थी, लेकिन कई स्थल इस दौरान छूट गए थे। जबकि छूट गए स्थानों में इनकी संख्या काफी मात्रा में संभावित है। इसकी को देखते हुए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने पहली बार स्टेट में मगरमच्छ, घडि़याल व ऊदबिलावों की गिनती करने का फैसला लिया है।

ये स्थल होंगे शामिल

मुख्य स्थल-कॉर्बेट, राजाजी, झिलमिल, आसन व नंदौर आदि।

नदियां-रामगंगा, सोना, झिरना ऋषिकेश गंगा आदि।

वाइल्ड एनिमल्स की संख्या ज्यादा होने का दावा

बताया गया कि गणना से पहले सर्वे का काम चल रहा है। जिससे ये पता चल पाए कि इन वाइल्ड एनिमल्स के प्रवास कहां हैं, उनका अक्वेटिक सिस्टम ठीक है या नहीं। इसके अलावा गणना में ये भी पता चल पाएगा कि वर्ष 2008 की गणना में इनकी संख्या में कितना इजाफा हुआ है या नहीं। चीफ फॉरेस्ट कंजर्वेटर वाइल्ड लाइफ के मुताबिक कम नहीं, इनकी संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। लेकिन इससे पहले आगामी 14 फरवरी से पहले वाटर वाइल्ड एनिमल्स के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। बताया गया है कि जंगल में टाइगर एपैक्स बॉडी होता है। टाइगर ठीक हैं तो जंगल में एनिमल्स की संख्या ठीक है। ऐसे ही वाटर में ऊदबिलाव की संख्या ठीक है तो एक्वेटिक सिस्टम ठीक है।

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टाइगर व एलीफेंट शामिल नहीं

चीफ फॉरेस्ट कंजर्वेटर वाइल्ड लाइफ ने बताया कि इनकी गणना के बाद अगले चरण में दूसरे वाइल्ड एनिमल्स की गणना होगी। लेकिन इसमें टाइगर व एलीफेंट शामिल नहीं होंगे। बताया गया है कि समर सीजन में स्नो लेपर्ड, ब्लैक बीयर सहित दूसरे हाई एल्टीट्यूड इलाकों में पाए जाने वाले एनिमल्स की गणना होगी।