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DEHRADUN: 
टीम चारों धाम के पौराणिक रास्तों से होते हुए 30 मई तक सर्वेक्षण का काम करेगी. इसके बाद टीम रास्तों की तकनीकी और व्यवहारिक रिपोर्ट पेश करेगी. इसी आधार पर सरकार द्वारा इन रास्तों को लेकर प्लान तैयार किया जाएगा.

पैदल रास्तों का होगा सर्वे
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद चारधाम यात्रा के पौराणिक यानि पैदल रास्तों के सर्वे में जुट गया है. इसके लिए पर्यटन विकास परिषद के प्रतिनिधियों के साथ नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तराखंड अंतरिक्ष केंद्र, वन विभाग और एसडीआरएफ को टीम में शामिल किया गया है. एनआईएम के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में यह टीम दून से रवाना हो गई है. टीम तय शेड्यूल के अनुसार चारों धाम में सर्वेक्षण करेगी. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि यमुनोत्री धाम के स्याना चट्टी से सर्वे का कार्य शुरू होगा. इसके बाद टीम गंगोत्री, केदारनाथ और बाद में बदरीनाथ तक जाएगी. 29 मई को बदरीनाथ में टीम के पहुंचने का कार्यक्रम बनाया हुआ है. यहां से टीम देहरादून पहुंचेगी, इसके बाद टीम के सर्वेक्षण रिपोर्ट पर मंथन कर प्रस्तुतिकरण किया जाएगा. इस दौरान तकनीकी, व्यवहारिक खतरे और फायदों पर रिपोर्ट टीम द्वारा दी जाएगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार पौराणिक रास्तों के सुधार पर योजना बनाएगी.

ये है सर्वेक्षण रूट
यमुनोत्री धाम के स्याना चट्टी होते हुए टीम पैदल यमुनोत्री धाम पहुंचेगी. वहां से जानकी चट्टी, दरवापास, डोडीताल, संगम चट्टी होते हुए सात मई को गंगोत्री धाम पहुंचेगी. जहां कपाट खुलने के बाद दल भटवाड़ी, लाटा, बेलक बुग्याल, बूढ़ाकेदार, भैरों चट्टी, घुत्तू, पंवालीकांठा, त्रिजुगीनारायण, गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ धाम पहुंचेगी. यहां से श्वेत पर्वत, कलऊं, मंदानिया ट्रैक, द्वाराखाल, मार्कंड गंगा, काश्नी खर्क, ग्लेशियर कैंप से नीलकंठ बेस होते हुए 29 को बदरीनाथ पहुंचेगी.

बदरी-केदार रूट पर एसडीआरएफ करेगी सर्वे
पर्यटन विभाग से अलग एसडीआरएफ की 14 सदस्यीय टीम बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के पौराणिक रूटों के सर्वे को पहले ही निकल चुकी है. एसडीआरएफ के कमांडेंट तृप्ति भट्ट ने बताया कि टीम के सदस्य रूट पर सर्वे में जुटे हैं. कुछ दिन बाद सदस्य दून लौट आएंगे.