बिहार और दिल्ली की हार का नहीं लोकप्रियता पर असर

भले ही केंद्र में सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व वाली एनडीए को बिहार और दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन उनकी लोकप्रियता अभी भी कम नहीं हुई है। यदि आज की तारीख में लोकसभा चुनाव होते हैं तो आज भी मोदी सरकार 20 महीने पूरे होने के बाद भी सहयोगी दलों के साथ मिलकर बहुमत की सरकार बना सकती है। एबीपी न्यूज-नीलसन के सर्वे के मुताबिक, सर्वे के अनुसार, अगर सीटों के हिसाब से आंका जाए तो आज चुनाव होने पर एनडीए को 38 फीसद वोटों के साथ 301 सीटें मिल सकती हैं। जबकि वर्ष 2014 में गठबंधन को 339 सीटें मिली थीं। वहीं यूपीए को 28 फीसद वोटों के साथ 108 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2014 में उसे 62 सीटें मिली थीं।

बेहतरीन प्रधानमंत्री हैं मोदी

इस सर्वे में नरेंद्र मोदी को 32 फीसद जनता ने देश का बेहतरीन प्रधानमंत्री बताया है। इतना ही नहीं अगर आज की तारीख में चुनाव हुए तो एनडीए 301 सीटों पर चुनाव जीतेगी। इस सर्वे में कई सवाल किए गए हैं जिनमें कई मुद्दों पर जनता भाजपा के साथ दिखी है तो कई मुद्दों पर पीएम मोदी से निराश भी नजर आई है। सर्वे के मुताबिक, अगर प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी के कामकाज के प्रदर्शन की बात की जाए तो 54 फीसद ने इसे बेहतर माना। इसमें 17 प्रतिशत ने इसे बहुत अच्छा और 37 प्रतिशत ने इसे अच्छा बताया है। जबकि 30 प्रतिशत ने इसे औसत करार दिया है। वहीं 11 प्रतिशत ने इसे खराब और तीन फीसदी ने उनके प्रदर्शन को बेहतर खराब बताया। इसी प्रकार, पूरी एनडीए सरकार के कामकाज को 46 प्रतिशत ने बेहतर बताया। इसमें 12 प्रतिशत ने इसे बहुत अच्छा और 34 प्रतिशत ने इसे अच्छा बताया। जबकि 35 प्रतिशत ने कामकाज को औसत ठहराया। वहीं 12 प्रतिशत ने सरकार के प्रदर्शन को खराब और चार फीसदी ने इसे बेहद खराब करार दिया। सर्वेक्षण में अच्छे दिन के बारे में रायशुमारी कराई गई और 50 प्रतिशत ने इसके खिलाफ राय जाहिर की, जबकि 42 प्रतिशत ने माना कि अच्छे दिन आए हैं।

राजग की विदेश नीति पास पर काले धन पर फेल

विदेश नीति की बात की जाए तो 50 प्रतिशत ने माना कि इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। लेकिन पठानकोट हमले में पाकिस्तान के कार्रवाई के भरोसे पर जनता की राय उलट दिखी। 61 फीसद ने कहा कि भारत को इस मामले में पड़ोसी मुल्क पर यकीन नहीं करना चाहिए। अगर काले धन वापसी की बात की जाए तो 41 प्रतिशत ने माना कि मोदी सरकार इस मामले में पूरी तरह विफल रही है। लेकिन मोदी सरकार में कालाधन रखने वाले के कई नाम सामने जरूर आए है। जबकि 43 प्रतिशत ने इससे अलग राय रखी। सर्वेक्षण में 19 बड़े राज्यों में 109 संसदीय क्षेत्रों के 16732 लोगों से राय ली गई। यह सर्वेक्षण आठ से 13 जनवरी के बीच कराया गया।

आजादी के बाद के बेहतर प्रधानमंत्री

इस सर्वे में इस बात की भी जांच की गयी कि आजादी के बाद से अब तक आये प्रधानमंत्रियों में कौन बेहतर है। इस आधार पर भी मोदी पहले नंबर पर रहे उन्हें 32 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया। बाकी प्रधानमंत्रियों की स्थिति इस प्रकार रही नरेंद्र मोदी: 32 प्रतिशत, इंदिरा गांधी: 23 प्रतिशत और अटल बिहारी वाजपेयी: 21 प्रतिशत

कौन होगा लोकप्रिय प्रधानमंत्री

जबकि कौन सबसे लोक प्रिय प्रधानमंत्री बनेगा उसका क्रम इस प्रकार रहा। नरेंद्र मोदी: 58 प्रतिशत की पसंद, राहुल गांधी: 11 प्रतिशत की, सोनिया गांधी: 04 प्रतिशत और दिल्ली के मुख्यमंत्री को अरविंद केजरीवाल: 04 प्रतिशत लोगों ने वोट किया।

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