नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि "प्रतिभाशाली कलाकार" सुशांत सिंह राजपूत की मौत के पीछे की सच्चाई सामने आनी चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार ने सूचित किया कि उसने सीबीआई जांच के लिए बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने महाराष्ट्र, बिहार और राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह को निर्देश दिया कि बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की याचिका पर तीन दिनों के भीतर जवाब दाखिल करें, जो केस को पटना से मुंबई ट्रांसफर करने की मांग कर रही हैं। शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगले हफ्ते का समय निर्धारित किया है। साथ ही मुंबई पुलिस को राजपूत की मौत के मामले में अब तक की गई जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

केंद्र ने सीबीआई जांच की सिफारिश को दी मंजूरी
14 जून को मुंबई में उपनगरीय बांद्रा में अपने अपार्टमेंट की छत से लटके पाए गए सुशांत सिंह की मौत को लेकर मुंबई पुलिस विभिन्न कोणों को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है। शुरुआत में केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि बिहार सरकार की सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया है और मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया है। पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा, "महाराष्ट्र सरकार ने रिया चक्रवर्ती की याचिका पर जवाब दिया और जहां तक ​​कलाकार की मौत का सवाल है, यह सच सामने आना चाहिए।"

सुशांत के पिता के वकील ने मुंबई पुलिस पर लगाए आरोप
सुनवाई के दौरान, राजपूत के पिता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि अगर शीर्ष अदालत मामले की जांच करती है तो उन्हें कोई कठिनाई नहीं है, लेकिन चक्रवर्ती के पक्ष में कोई सुरक्षात्मक आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए। सिंह ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र पुलिस मामले में "सबूतों को नष्ट" कर रही है और फिलहाल, उन्हें बिहार पुलिस के साथ चल रही जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। महाराष्ट्र की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ को बताया कि पटना पुलिस के पास इस मामले की जांच करने या मामले की जांच करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और इसे "राजनीतिक मामला" बनाया गया है।

बिहार पुलिस अधिकारी के क्वारंटीन करने की घटना दुखद
पीठ ने कहा, "बिहार के एक पुलिस अधिकारी को क्वारंटीन करने की घटना ने एक अच्छा संदेश नहीं दिया है," पीठ ने कहा कि मुंबई पुलिस की "अच्छी पेशेवर प्रतिष्ठा" है। पीठ ने कहा, "कृपया सुनिश्चित करें कि सब कुछ कानून के अनुसार किया गया है।" वहीं महाराष्ट्र सरकार ने पीठ से कहा, "हम काफी पेशेवर काम कर रहे हैं" और यह अनुचित है कि मुंबई पुलिस पर इस तरह का आरोप लगाया जा रहा है। चक्रवर्ती की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दिवान ने पीठ से कहा कि मामले की विवेचना तक उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाएगी।

महाराष्ट्र और बिहार के बीच फंसा मामला
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजपूत के पिता के अनुरोध पर सनसनीखेज मामले में केंद्र को सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। वहीं महाराष्ट्र सीबीआई को जांच स्थानांतरित करने का विरोध करती आई है। रिया, जिन्होंने एक बार कथित रूप से केंद्रीय गृह मंत्री को इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करने के लिए ट्वीट किया था, ने मंगलवार को अपने वकील सतीश मनेशिंदे के माध्यम से बिहार सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि इस फैसले में "कोई कानूनी पवित्रता नहीं है"।

रिया ने याचिका में यह कहा था
25 जुलाई को राजपूत के पिता ने पटना में राजीव नगर पुलिस स्टेशन में चक्रवर्ती और उसके परिवार के सदस्यों सहित छह अन्य लोगों के खिलाफ एफआर्रआर दर्ज करवाई थी, जिसमें अभिनेता की आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था। शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में चक्रवर्ती ने आरोप लगाया है कि राजपूत के पिता ने अपने बेटे की आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए बिहार के पटना में दर्ज प्राथमिकी में उसे '' प्रभावित '' किया है। अभिनेत्री ने अपनी दलील में कहा है कि वह राजपूत के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी और अभिनेता की मौत के बाद गहरे आघात में रही है।

Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk