नई दिल्ली (एएनआई)। सुशील चंद्रा ने मंगलवार को 24 वें मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के रूप में पदभार ग्रहण किया। सुशील चंद्रा को सोमवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने नया सीईसी नियुक्त किया था। सुशील चंद्रा को 14 फरवरी 2019 को लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। वह 14 मई 2022 को अपने इस नए पदभार से मुक्त होंगे। सीईसी के रूप में वह उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के संचालन की देखरेख करेंगे। पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च 2022 को समाप्त होगा। वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल मई 2022 में समाप्त होगा।

नामांकन को ऑनलाइन करने की दिशा में काम

चुनाव आयुक्त के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान सुशील चंद्रा ने 10 से अधिक राज्यों के विधानसभा चुनावों की निगरानी की और पूरी नामांकन प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की दिशा में काम किया। ऑनलाइन प्रक्रिया ने उम्मीदवारों को सीधे ई-नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी, जिससे सिस्टम तेज हो गया। इसने उम्मीदवार की जानकारी और सिस्टम में हलफनामों को अपलोड करने में त्रुटि मुक्त फीडिंग की भी अनुमति दी। उम्मीदवार से संबंधित जानकारी भी उसी दिन शपथ पत्र और मतदाता हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र में उपलब्ध कराई जाती है जब नामांकन दाखिल किया जाता है।

'ऑपरेशन क्लीन मनी' चलाया था चंद्रा ने

चुनाव आयोग में अपनी नियुक्ति से पहले सुशील चंद्रा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में, सीबीडीटी ने 2017 में अवैध धन और काले धन पर अंकुश लगाने के लिए 'ऑपरेशन क्लीन मनी' शुरू हुआ। सुशील चंद्रा ने चुनाव के दौरान काले धन के खतरे को रोकने की दिशा में काम किया है। उन्होंने उत्पीड़न-मुक्त चुनाव की आवश्यकता पर बल दिया है और इस दिशा में विशेष पैनल पर्यवेक्षकों की नियुक्ति सहित मतदान पैनल द्वारा कदम उठाए गए हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार सुशील चंद्रा भारतीय राजस्व सेवा के 1980 बैच के हैं। वह 15 फरवरी 2019 से ईसीआई में चुनाव आयुक्त हैं।

चंद्रा ने आईआईटी रुड़की से बीटेक किया

वह 18 फरवरी 2020 से जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश के परिसीमन के बाद से परिसीमन आयोग के सदस्य भी हैं। लगभग 39 वर्षों तक आयकर विभाग में कई पदों पर रहने के बाद, चंद्रा को 1 नवंबर 2016 को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्होंने क्रमश जांच निदेशक और महानिदेशक, मुंबई और गुजरात के रूप में काफी समय बिताया, इसके बाद सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल पूरा हुआ। सीबीडीटी और उसके बाद इस सर्वोच्च निकाय के अध्यक्ष का पद ग्रहण किया था। वहीं 15 मई 1957 को जन्मे सुशील चंद्रा ने आईआईटी रुड़की (बीई सिविल, 1977) से बीटेक की डिग्री की है।

National News inextlive from India News Desk