PATNA : महात्मा गांधी सेतु के समानांतर गंगा पर प्रस्तावित नए पुल के लिए एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) से ऋ ण की स्वीकृति के मामले में सरकार 'थेथरई' कर रही है। ये कहा है एक्स डिपाटी सीएम सुशील कुमार मोदी ने। उन्होंने एडीबी के ऑफिसियल वेबसाइट से कर्ज से संबंधित अधिकृत कागजातों को सार्वजनिक कर सरकार की गलतबयानी सामने लाने का दावा किया है। कहा कि चुनौती देने के बावजूद सरकार कच्ची दरगाह-बिदुपुर और खगडि़या-सुल्तानगंज पुलों के लिए क्रमश: एडीबी और नाबार्ड से कजरें के लिए मिली स्वीकृति के कागजातों को सार्वजनिक करने की हिम्मत अब तक नहीं जुटा पाई है।

सरकार का दवा कुछ और वेबसाइट पर कुछ और

सुशील मोदी ने बताया कि एडीबी के अधिकृत वेबसाइट पर 0म् सितम्बर, ख्0क्भ् को गंगा ब्रिज प्रोजेक्ट यानी कर्ज के स्टेटस को प्रस्तावित बताया गया है जबकि सरकार कह रही है कि कर्ज की स्वीकृति मिल गई है। एडीबी के अधिकृत कागजातों के मुताबिक सारी प्रक्रिया और कागजात के अनुकूल रहने पर एडीबी बोर्ड की बैठक में कर्ज पर अंतिम सहमति के लिए फ्क् मार्च, ख्0क्म् की तिथि तय की गई है। एडीबी की ओर से अभी व्यावहारिकता अध्ययन और विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन की समीक्षा ही की जा रही है मगर सरकार की ओर से ऋ ण स्वीकृत होने का थोथा दावा किया जा रहा है।

अभी तो ये प्रस्तावित की श्रेणी में

बताया कि इसके अलावा एडीबी के अनुसार कर्ज की अंतिम स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को जहां पटना व वैशाली जिलों में क्ख्म् हेक्टेयर जमीन के साथ ही ख्फ् निजी ढांचे का अधिग्रहण करना होगा वहीं पुनर्वास योजना और पुनार्वास कायरें की रूपरेखा भी तैयार करनी है। चूंकि यह बाह्य संपोषित परियोजना है इसलिए कर्ज की स्वीकृति के बाद 70 प्रतिशत राशि केन्द्र और फ्0 प्रतिशत राज्य सरकार को अपने बजट में प्रावधान करना होगा। अभी तक यह कर्ज केवल प्रस्तावित की श्रेणी में है।

खगडि़या-सुल्तानगंज पुल पर भी भ्रम फैलाया

स शील मोदी ने कहा कि कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल की तरह ही सरकार खगडि़या-सुल्तानगंज पुल के लिए भी नाबार्ड से कर्ज मिलने को लेकर जनता को भ्रमित कर रही है। नाबार्ड द्वारा क्,7क्0 करोड़ के ऋ ण प्रस्ताव को अस्वीकृत किए जाने के बाद हाल ही में सरकार ने दुबारा भ्ब्भ् करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है, जिसकी अभी स्वीकृति नहीं मिली है। बावजूद इसके लोकसभा चुनाव के पूर्व नीतीश कुमार ने खगडि़या साइड से पुल का शिलान्यास कर दिया और जब विधान सभा चुनाव नजदीक आया तो सुल्तानगंज साइड से दुबारा कार्यारंभ किया।

लगातार गलतबयानी कर रही सरकार

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कच्ची दरगाह-बिदुपुर और खगडि़या-सुल्तानगंज पुलों के लिए एडीबी और नाबार्ड से क्रमश: फ्,000 और भ्ब्भ् करोड़ रुपये के कजरें की स्वीकृति को लेकर लगातार गलतबयानी कर रही है। सरकार को एकबार फिर चुनौती है कि अगर उसमें हिम्मत है तो कजरें की स्वीकृति से संबंधित कागजातों को सार्वजनिक करे।