उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों की सुरक्षा हम सब की ज़िम्मेदारी है. उन्होंने कहा, "चाहे उनकी नाक तीखी हो या चपटी, सभी भारतीय हैं." साथ ही सुषमा स्वराज ने दिल्ली सरकार से कहा कि उसे पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए.

सुषमा स्वराज ने कहा, "पूर्वोत्तर के बच्चों को भारत में हर जगह सुरक्षित महसूस होना चाहिए."

अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री और अरुणाचल प्रदेश से सांसद निनोंग इरिंग ने कहा कि निदो तनियम के मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए.

इरिंग ने कहा कि पूर्वोत्तर के बच्चों के खिलाफ़ नस्लवाद एक गंभीर बात है और इसे रोकना होगा. उन्होंने कहा, "हम सभी भारतीय हैं. हमें अपनी सोच बदलनी होगी चाहे हम कहीं भी रहते हों. स्कूली किताबों में पाठ होने चाहिए ताकिर छात्र पूर्वोत्तर राज्य में रहने वालों के बारे में जान सकें."

इसके बाद शोर-शराबे के बीच लोक सभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने पूरे दिन के लिए सदन स्थगित कर दिया.

इससे पहले आम चुनाव से पहले संसद के आख़िरी सत्र का पहला दिन शुरू होने के कुछ मिनटों में ही स्थगित भी हो गया.

"चाहे उनकी नाक तीखी हो या चपटी, सभी भारतीय हैं."

-सुषमा स्वराज, नेता प्रतिपक्ष, लोक सभा

पृथक तेलंगाना राज्य के मुद्दे पर सांसदों के शोर-शराबे के बाद लोक सभा और राज्य सभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गए.

राज्य सभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद फिर से शोर-शराबे के चलते सदन को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया.

'शायद ही कोई बिल पास हो'

संसद का सत्र शुरु होने से पहले बुधवार को संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने उम्मीद जताई कि सभी दल संसद की सुव्यवस्थित कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे.

इससे पहले मंगलवार को प्रधान मंत्री ने सभी दलों से लंबित विधेयकों को पारित करने में मदद करने की अपील की थी.

"आज से संसद सत्र शुरु हो रहा है लेकिन मुझे शक है कि एक भी विधेयक पारित हो पाएगा."

-पी चिदंबरम, केंद्रीय वित्त मंत्री

मनमोहन सिंह ने कहा, "ये 15वीं लोक सभा का आख़िरी सत्र होगा. संसद में कई अहम विधेयक पारित होने हैं. भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक है, महिला आरक्षण विधेयक है, सांप्रादयिक हिंसा से जुड़ा मुद्दा है. मैं उम्मीद करता हूं कि संसद की कार्यवाही होगी जो किसी भी संसदीय लोकतंत्र का मुख्य काम होता है. और तेलंगाना का अहम मुद्दा भी है. हम तेलंगाना के गठन को मंज़ूरी के लिए संसद में विधेयक लाएंगे और मैं उम्मीद करता हूं कि कई सालों से चली आ रही बहस के बाद संसद तेलंगाना राज्य के गठन से जुड़ा विधेयक पारित करेगी."

इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने संदेह जताया है कि इस सत्र में कोई भी विधेयक पारित हो पाएगा.

नई दिल्ली में बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, "हम ख़ुद अपने दुश्मन हैं. हम ख़ुद ही अपना विपक्ष हैं. आज से संसद सत्र शुरू हो रहा है लेकिन मुझे शक है कि एक भी विधेयक पारित हो पाएगा. हमें हर रोज़ संसदीय कार्यवाही का रिवाज निभाना होता है और फिर हम ख़ाली हाथ लौट आते हैं."

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए चिदंबरम ने कहा कि वोट-ऑन अकाउंट और अप्रोप्रिएशन बिल पास हो जाएंगे.

उन्होंने कहा, "लेकिन अगर ये बिना बहस के पारित होते हैं तो मुझे निराशा होगी. मैं चाहता हूं कि इन पर चर्चा और बहस हो."

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