नई दिल्ली (प्रेट्र)। पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार की देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं। सुषमा स्वराज के परिवार में उनके पति राजकौशल और उनकी बेटी हैं। मंगलवार शाम को केंद्र सरकार को ट्वीट कर अनुच्छेद 370 हटने पर बधाई देने के कुछ ही घंटों बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा। अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक उन्हें बेहद नाजुक हालत में एम्स में देर रात 10.15 बजे भर्ती कराया गया।

3 बजे के बाद होगा अंतिम संस्कार

सुबह 11 बजे तक उनका पार्थिव शरीर उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कार्यकर्ताओं और लोगों द्वारा अंतिन दर्शन के लिए सुषमा जी के पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय में रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी और लोधी रोड के शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

नहीं लड़ा था 2019 लोकसभा चुनाव

सुषमा स्वराज ने अपने स्वास्थ्य कारणों के चलते ही वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया था। उन्होंने वर्ष 2016 में अप्रैल में एम्स से ही किडनी ट्रांसप्लांट कराया था। मंगलवार की शाम को तबियत बिगड़ने से महज तीन घंटे पहले ही सुषमा स्वराज ने केंद्र सरकार को बधाई देते हुए ट्वीट किया, 'नरेंद्र मोदी जी, धन्यवाद प्रधानमंत्री। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं अपने पूरे जीवनकाल में इस दिन का इंतजार कर रही थी।'

पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया

सुषमा स्वराज के निधन पर प्रधानमंत्री ने भारी मन से ट्वीट करते हुए कहा, 'भारतीय राजनीति के एक स्वर्णिम युग का अंत हो गया है। पूरा भारत इन प्रतिभाशाली नेता के शोक में डूब गया है।'राजग सरकार में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों में से एक रही सुषमा के लिए प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है कि, 'सुषमा जी शानदार वक्ता थीं और असाधारण सांसद थी। उन्हें दलीय सीमाओं से ऊपर हमेशा सराहा जाएगा और सम्मान मिलेगा। जब विचारधारा और भाजपा के हितों का मामला होता था तो वह कभी समझौता नहीं करती थीं।' एम्स में आइसीयू में भर्ती होने के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और नितिन गडकरी समेत कई केंद्रीय मंत्री उन्हें देखने पहुंचे थे। सुषमा स्वराज सरकार और जनता के बीच की एक अहम कड़ी थीं।

विदेश मंत्री के रूप में बटोरी थी सुर्खियां

वह विदेश मंत्री रहते हुए विदेश में फंसे भारतीयों के हमेशा संकटमोचक बनकर सामने आईं। सोशल मीडिया में उनकी सक्रियता और संयुक्त राष्ट्र में अनेक अवसरों पर उन्होंने भारत का पक्ष मजबूती से रखा। वह यूपीए सरकार के दौरान नेता विपक्ष के रूप में अपने धारदार भाषणों और हस्तक्षेप के जरिए भाजपा ही नहीं वरन लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं को हमेशा मजबूत किया। उन्हें किसी पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता, पहली युवा महिला सांसद, दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और पहली महिला विदेश मंत्री होने का गौरव हासिल था।

National News inextlive from India News Desk