- तीन सौ बेड अस्पताल के क्वारंटाइन सेंटर के पार्क में परिजनों से मिलते जुलते लोग

- संदिग्ध खा रहे घर से आ रहा खाना, उन्हीं के हाथों से पी रहे पानी

बरेली : जिस क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना संदिग्ध लोगों को क्वारंटाइन के लिए रोका जा रहा है। वहां पार्क में घूमने और घर परिवार और नजदीकियों से मिलने की एकांतवास में रह रहे लोगों को आजादी है। क्वारंटाइन सेंटर में लापरवाही का यह दूसरा मामला सामने आया है। इससे पहले पांच बेड के कमरे में आठ लोगों के परिवार को रोका गया था। इस मामले में लीपापोती कर रहे विभाग की इस नए मामले ने फिर पोल खोल दी। फ्राइडे को दोपहर दो बजे करीब तीन सौ बेड अस्पताल के क्वारंटाइन सेंटर के पड़ोस में बने पार्क में क्वारंटाइन किए गए लोग टहल रहे थे। वहीं गेट के आसपास मौजूद लोग तो भाग दौड़ करते नजर आ रहे थे।

यह मुझसे मिलने आया है।

हैरत की बात तो यह है कि सैंपल होने के बाद भी विभागीय उदासीनता के चलते कोरोना सस्पेक्ट खुलेआम घूम रहे हैं। इसका खुलासा फ्राइडे को हुआ। दोपहर करीब दो बजे 300 बेड हॉस्पिटल में दो युवक आपस में बातें कर रहे थे। पूछताछ में पता चला कि वह दिल्ली से आया था। इसके बाद अपना सैंपल कराने के लिए तीन सौ बेड आया तो उसे संदिग्ध मानकर क्वारंटाइन कर दिया गया।

परिचित बाहर से पहुंचा रहे खाना

उसके सामने बैठे एक अन्य युवक के बारे में पूछा तो बताया कि वह बानखाना से उससे मिलने आया है। उसके लिए बाहर से खाना पानी लाया था। पानी पी रहे संदिग्ध युवक ने हाथ में लिए लौटे को भी बानखाना से आए अपने परिचित युवक को दे दिया। ऐसे में जब उससे सवाल किया कि बाहर कैसे आए तो बताया कि पीछे के दरवाजे खुले रहते हैं। वहीं से हवा खाने बाहर निकल आते हैं।

शारीरिक दूरी गायब

तीन सौ बेड के क्वारंटाइन सेंटर में ही नेपाल से आया एक परिवार रह रहा है। पीछे की खिड़कियां खुली थीं। जहां से वह चाहें तो बाहर भी आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि आठ लोग हैं और कमरे में बेड पांच ही है। पूछा कि कुछ लोग दूसरे कमरे में तो नहीं सोते। इस पर बताया कि नहीं दो लोग एक बेड पर इधर उधर सिर करके सो जाते हैं।