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LUCKNOW : गौरतलब है कि बीते दिनों यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस गोरखधंधे का खुलासा किया था। बुधवार को परिवहन निगम के एमडी पी। गुरुप्रसाद ने दो रीजन अलीगढ़ और आगरा के क्षेत्रीय प्रबंधकों, तीन एआरएम, छह यातायात अधीक्षकों और तीन नियमित कर्मियों समेत कुल 14 को सस्पेंड किया है। वहीं 51 संविदा कर्मियों को भी नौकरी से बर्खास्त किया गया है। अपर प्रबंध निदेशक डॉक्टर बीडीआर तिवारी की अध्यक्षता में बनाई गई पांच अफसरों की कमेटी ने प्रबंध निदेशक को सौंपी गई जांच रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गई है।

इन पर गिरी गाज
यूपी रोडवेज अफसरों की मिलीभगत से अलीगढ़ और आगरा डिपो की 40 से 50 रोडवेज बसों पर स्थानीय माफिया कब्जा कर अवैध तरीके से उन्हें चलवा रहे थे। यात्री के बोलने पर उन्हें बाउंसर से पिटवाया जाता था। इसकी सूचना मुख्यालय पहुंची तो प्रबंध निदेशक ने एक टीम बनाकर इसकी गोपनीय जानकारी हासिल करने को कहा। जांच में जब दबंगई सामने आई तो बड़े अधिकारियों ने मसले को यूपी एसटीएफ को रेफर कर दिया था। जिसके बाद एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के निर्देश पर टीम ने करीब तीन माह रूट पर चलने वाली बसों की रेकी कर बीती 21 अगस्त को कार्रवाई शुरू की तो एसटीएफ की टीम पर ही दबंगों ने हमला बोल दिया। इसमें कई कर्मियों को चोटें आईं थीं। एसटीएफ ने 11 लोगों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेज दिया था। एसटीएफ ने एक अंतरिम रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को दे दी थी। वहीं रिकॉर्डिंग समेत अन्य बिंदुओं को खंगालने के बाद पूरी रिपोर्ट शासन को सौंपने को कहा गया था। उधर, प्रबंध निदेशक ने पांच अधिकारियों की एक टीम बना अलग से जांच कराई। मामला हाथरस-आगरा-अलीगढ़-मथुरा रूट का है।

सेवा से बर्खास्त हुए
बुधवार को की गई कार्रवाई में दो रीजन अलीगढ़ के आरएम अतुल त्रिपाठी एवं आगरा के क्षेत्रीय प्रबंधक पीएस मिश्रा को सस्पेंड किया गया है। तीन असिस्टेंड रीजनल मैनेजर्स में मथुरा डिपो के एआरएम अक्षय कुमार, हाथरस डिपो के गोपाल स्वरूप शर्मा और बुद्ध विहार डिपो अलीगढ़ के योगेंद्र प्रताप सिंह को भी सस्पेंड किया है। वहीं आधा दर्जन ट्रैफिक सुपरीटेंडेंट भी कार्रवाई की जद में आए हैं। इनमें अलीगढ़ क्षेत्र के आयुष भटनागर, हेमंत मिश्रा, चक्कर, लक्ष्मण सिंह और आगरा रीजन के अशोक सागर एवं आरसी यादव को सस्पेंड किया गया है। इनमें तीन नियमित कर्मियों पर कार्रवाई की गई है। एक बुकिंग क्लर्क मेघ सिंह, परिचालक देवेंद्र सिंह और मनोज सिंह को भी सस्पेंड किया गया है। इसके अलावा एसटीएफ द्वारा इस गोरखधंधे के खुलासे के वक्त इसमें संलिप्त पाए गए 14 संविदाकर्मियों समेत कुल 51 संविदाकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया। 

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