तीन माह बाद भी नहीं साफ हो सकी अंतर जनपदीय तबादले की स्थिति

तबादलों को लेकर परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की अटकी हैं उम्मीदें

ALLAHABAD: परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादलों को लेकर जनवरी 2018 में प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी संशय का दौर अभी जारी है। इधर, नए सत्र की शुरुआत हुए 15 दिन बीत चुके हैं। ऐसे में अब शिक्षक इस चिंता में हैं कि कहीं बीच सेशन में तबादले की प्रक्रिया रोक न दी जाए।

दो बार लिए गए थे आवेदन

अंतर जनपदीय तबादलों के लिए जनवरी में शुरू हुई प्रक्रिया के दौरान बेसिक शिक्षा परिषद ने आवेदन के लिए पांच साल की सेवा अनिवार्य की थी। इसके खिलाफ बड़ी संख्या में महिला शिक्षकों ने कोर्ट की शरण ली। महिला शिक्षकों की मांग थी कि पांच साल की सेवा अवधि की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए। उन्हें कोर्ट से राहत मिली। इसके बाद ऐसी महिला शिक्षको से फिर आवेदन लिए गए, जिन्होंने पांच साल की सेवा अवधि को पूरा नहीं होने के कारण आवेदन नहीं किया था। ये आवेदन 9 फरवरी से 15 फरवरी के बीच ऑनलाइन लिए गए। इसके बाद पुरुष शिक्षक भी कोर्ट पहुंच गए। ऐसे में स्थानांतरण का मामला अटका हुआ है। मामला कोर्ट में होने के कारण बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारी भी कुछ कहने से बच रहे हैं।