- अनुशासनहीनता और रैगिंग के आरोप में निलंबित स्टूडेंट्स को मिली संजीवनी

- परीक्षा में शामिल होने और रिजल्ट घोषित करने की मिली राहत

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अनुशासनहीनता और रैगिंग के आरोप में निलंबित छात्रों के लिए गुरुवार को संजीवनी मिल गई। कुलपति के आदेश पर ऐसे आरोपों में निलंबित स्टूडेंट्स को भी आगामी परीक्षाओं में शामिल होने या उनके रूके रिजल्ट को घोषित करने का आदेश जारी हो गया। कुलपति की ओर से जारी निर्देश के बाद चीफ प्रॉक्टर प्रो राम सेवक दुबे और डीएसडब्लू प्रो। हर्ष कुमार की ओर से आदेश जारी कर दिया गया। इस आदेश से बड़ी संख्या में उन स्टूडेंट्स को राहत मिली, जिनके खिलाफ अलग-अलग कारणों से निलंबन और परीक्षा में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया गया था। इस आशय में आदेश परीक्षा नियंत्रक को जारी कर दिया गया। जिससे उस पर तत्काल आगे की कार्रवाई पूरी की जा सके।

12 निलंबित छात्रों को मिली राहत

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अलग-अलग आरोपों में घिरे छात्रों के खिलाफ हुई निलंबन की कार्रवाई में शामिल कुल 12 छात्रों को राहत मिली है। इसमें रोहित कुमार मिश्र, आनंद कुमार सिंह, नीरज प्रताप सिंह, विक्रांत सिंह, आदित्रू सिंह, विशाल यादव, नीलेश कुमार अग्रहरि, आनंद कौशल सिंह, उत्तम त्रिपाठी, अवनीश यादव, संजय पाल और गौतम आनंद शामिल है। इन सभी स्टूडेंट्स को आगामी परीक्षाओं में शामिल होने और उनके भी रिजल्ट सभी स्टूडेंट्स के रिजल्ट के साथ घोषित किए जाने का निर्णय लिया गया है।

कई छात्रों पर नहीं हुआ फैसला

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति की ओर से जहां 12 स्टूडेंट्स को निलंबन के बाद भी परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया गया। वहीं कई स्टूडेंट्स ऐसे भी रहे, जिनको परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं दिया गया। इसमें पूर्व उपाध्यक्ष अदील हमजा साहिल समेत अन्य छात्र है। अदील हमजा ने इस आदेश को भेदभाव बताया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि धर्म के आधार पर उनके साथ भेदभाव किया गया है। वहीं छात्र संघर्ष मोर्चा की ओर से कहा गया है कि अन्य स्टूडेंट्स को राहत दी गई तो कुछ स्टूडेंट्स को किस आधार पर राहत नहीं मिली। मोर्चा की ओर से अविनाश दुबे, अखिलेश यादव आदि को भी राहत देने की मांग की गई। इसको लेकर मोर्चा की ओर से आपात बैठक हुई। जिसमें कहा गया कि अगर जल्द अन्य निलंबित छात्रों को भी राहत नहीं मिलती है तो इसे अस्मिता को चुनौती माना जाएगा।