उच्चस्तरीय जांच से ही जवाब मिलना मुमकिन
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LUCKNOW : एएसपी राजेश साहनी द्वारा रहस्यमय हालात में सुसाइड करने की घटना अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई, घटना और उसके बाद पुलिस की कार्रवाई ने इन सवालों को गहराने का ही काम किया, दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की पड़ताल में जो सवाल सामने आए उनके जवाब उच्चस्तरीय जांच से ही मुमकिन हैं-

सवाल नंबर 1
एएसपी साहनी 28 मई से 10 दिनों की छुट्टी पर थे, फिर वे किन परिस्थितियों में एटीएस दफ्तर पहुंचे?

सवाल नंबर 2
छुट्टी पर पिस्टल इश्यू नहीं होती, लेकिन एएसपी राजेश साहनी को पिस्टल इश्यू कर दी गई, सवाल है कि किसके कहने पर उन्हें पिस्टल इश्यू की गई?

सवाल नंबर 3

यह कैसे संभव है कि जो शख्स सुसाइड करने निकला हो वह लगातार अपने परिजनों से फोन पर बात भी करता रहे?

सवाल नंबर 4
छु्ट्टी के बावजूद सोमवार को दफ्तर बुलाने की बात अधिकारियों ने कुबूल की है, फिर मंगलवार को एएसपी साहनी किसके बुलावे पर दफ्तर पहुंचे?

सवाल नंबर 5
एएसपी साहनी ने ड्राइवर से कहा कि उन्हें किसी ऑपरेशन पर चलना है गाड़ी तैयार करो, आखिर वह किस ऑपरेशन पर जाने वाले थे?

सवाल नंबर 6
 एएसपी साहनी ने कथित रूप से अपने केबिन में खुद को गोली मारी, दफ्तर में अन्य लोग भी मौजूद थे, किसी ने गोली चलने की आवाज क्यों नहीं सुनी?

सवाल नंबर 7
पुलिस के बयान के मुताबिक एएसपी साहनी ने मंगलवार दोपहर करीब 12,45 बजे खुद को गोली मारी, इसके बाद चार घंटे तक उनकी लाश एटीएस दफ्तर में ही पड़ी रही, उन्हें हॉस्पिटल क्यों नहीं ले जाया गया?

सवाल नंबर 8

 एटीएस दफ्तर में मौजूद सहकर्मी एएसपी साहनी को हॉस्पिटल नहीं ले गए, लेकिन मौके पर पहुंची गोमतीनगर पुलिस ने भी उन्हें हॉस्पिटल क्यों नहीं पहुंचाया?

सवाल नंबर 9
पूरे मामले की जांच पुलिस अधिकारी से कराई जा रही है, आखिर इसकी जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी या वर्तमान हाईकोर्ट जज की निगरानी में क्यों नहीं कराई जा रही?

सवाल नंबर 10

एएसपी साहनी के मंगलवार को दफ्तर में पहुंचने से लेकर घटना घटित होने तक वे किस-किस से मिले और उनके साथ क्या बात हुई, इस पर अभी तक एटीएस की ओर से कोई बयान क्यों नहीं आया है?

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