कोलकाता (एएनआई)। भाजपा विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को कृष्णानगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य के रूप में टीएमसी नेता मुकुल रॉय की अयोग्यता की मांग की। इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को एक याचिका भेजी। याचिका में सुवेंदु अधिकारी ने लिखा है कि आदरणीय महोदय, मुकुल राय, 83, कृष्णानगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य की अयोग्यता के लिए याचिका इसके साथ संलग्न है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इसे जल्द से जल्द निपटाया जाए। कृपया इसकी प्राप्ति की सूचना दें।

चुनाव जीतने के बाद टीएमसी में शामिल हो गए

इससे पहले सुवेंदु अधिकारी ने दलबदल विरोधी कानून के तहत मुकुल रॉय के इस्तीफे की मांग की थी। इसमें कहा गया था कि मुकुल राॅय कृष्णानगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने के बाद टीएमसी में शामिल हो गए। 15 जून को पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा था, 'तोड़ना-जोड़ना टीएमसी की गंदी राजनीति का हिस्सा है। वे पिछले 10 साल से ऐसा कर रहे हैं और किसी ने इसका विरोध नहीं किया। हालांकि अब इसका विरोध किया जा रहा है और दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। दलबदल विरोधी कानून के तहत काम होगा, जो भी जाना चाहता है वह विधायक पद से इस्तीफा दे दे।

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के विकल्प भी हैं

इतना ही नहीं सुवेंदु अधिकारी ने यह भी कहा था कि मैं 24 घंटे में स्पीकर को पत्र भेजूंगा और 15 दिन इंतजार करूंगा, जिसके बाद हमारे पास हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के विकल्प भी हैं। इससे पहले दिन में सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा के 50 विधायकों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को एक ज्ञापन सौंपा था। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा था कि सुवेंदु अधिकारी सहित विपक्ष के 50 विधायकों ने मुझे एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें दलबदल विरोधी कानून और तिलजला और चंदन नगर की घटनाओं सहित चार बिंदुओं पर मेरा ध्यान आकर्षित किया गया है।

बंगाल में भी दलबदल विरोधी कानून लागू

राज्य का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि देश के अन्य हिस्सों की तरह बंगाल में भी दलबदल विरोधी कानून लागू है। यह घटनाक्रम भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और उनके बेटे सुभ्रांशु के टीएमसी में शामिल होने के बाद आया है। इसके अलावा भाजपा के एक अन्य विधायक राजीव बनर्जी ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष से मुलाकात की। भाजपा चुनाव हार गई लेकिन 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा में 77 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटों पर प्रचंड जीत दर्ज की।

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