छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: केंद्र का स्वच्छ भारत अभियान अब केयू के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगा। यूजीसी के फैसले के बाद केयू इस दिशा में पहल प्रारंभ कर चुका है। वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में यह देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में इसी साल से पढ़ाया जाएगा। इसको पढ़ने वाले छात्रों को इस दौरान प्वाइंट्स भी दिए जाएंगे जो छात्रों की शैक्षणिक योग्यता में शामिल होंगे। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने इसे लागू करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और संस्थानों को निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत यह वैकल्पिक पाठ्यक्रम स्वच्छ भारत अभियान गतिविधियों के तहत समर इंटर्नशिप के रूप में 15 दिन या फिर 100 घंटे होगा। इसको पूरा करने के बाद छात्रों को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत अन्य वैकल्पिक विषयों की तरह दो क्रेडिट प्वाइंटस दिए जाएंगे।

जागरूकता बढ़ाना मकसद

इस समर इंटर्नशिप में उम्मीद की जाती है कि छात्र न सिर्फ गांवों और झुग्गी बस्तियों के समग्र स्वच्छता अभियान में हिस्सा लेंगे बल्कि ऐसी व्यवस्था स्थापित करने में भी मदद करेंगे ताकि अभियान के तहत की गई साफ-सफाई बरकरार रह सके। 'स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप' से विश्वविद्यालय के युवाओं को जोड़ने का मकसद है। इस इंटर्नशिप के जरिए उनकी कुशलता और स्वच्छता को लेकर उसकी जागरूकता को बढ़ाया जाएगा। इस इंटर्नशिप के जरिए प्रतिभागियों को 100 घंटे तक स्वच्छता से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में शामिल होना होगा। इसमें आसपास के गांवों में स्वच्छता के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करना, प्रणाली बनाना और व्यवहार बदलने वाले अभियान चलाना शामिल है। 'स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप' के प्रतिभागियों को इंटर्नशिप पूरी करने पर एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इसमें एनएसएस को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है।

-यूजीसी के निर्देश के पालन केयू अवश्य करेगा। गर्मी की छुट्टियों में स्वच्छ भारत अभियान के लिए विशेष कार्य योजना बनायी जायेगी। इसके लिए कुलपति ने निर्देश भी दिए है। कार्ययोजना तैयार हो रही है।

- डॉ। एके झा, प्रॉक्टर, केयू