RISHIKESH: परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस के सह संस्थापक व गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज के 68वें जन्मदिन के अवसर पर परमार्थ निकेतन में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए विशेष हवन किया गया। स्वामी चिदानंद ने परमार्थ प्रांगण में तुलसी का पौधा रोपित कर तुलसी को मानवता के लिए एक दिव्य उपहार बताया।

वेबिनार के जरिये दिया संदेश

स्वामी चिदानंद ने अपने जन्म दिवस पर देश विदेश में अपने अनुयायियों को वेबिनार के माध्यम से संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन और संस्कृति में तुलसी का विशेष महत्व हैं। तुलसी अनेक औषधीय गुणों से युक्त है। अपने ग्रंथों में, भारतीय जीवन में और हर घर में तुलसी को पवित्र स्थान दिया गया है। वैज्ञानिक आधार पर कहा गया है कि तुलसी की लकड़ी में विशेष विद्युतीय गुण होता है इसलिए लोग तुलसी की माला धारण करते हैं। जिससे शरीर में विद्युतीय प्रभाव बढ़ जाता है, परिणाम स्वरूप हम अनेक रोगों के आक्रमण से बच जाते है। महर्षि चरक और सुंश्रुत ने भी श्वास रोग, पा‌र्श्वशूल, वातनाशक, कफनाशक, अपचन, खांसी आदि अनेक रोगों में तुलसी को अत्यधिक लाभदायक माना है। तुलसी शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने का सर्वोत्तम माध्यम है। कोरोना काल में तुलसी महाऔषधि, कोरोना का महाकाल बनकर आई है। विशेष हवन में कोरोना काल में अपना जीवन खोने वाले कोरोना वॉरियर, लोगों और मजदूर की आत्मा की शांति के लिए आहुतियां दी गई।