ईश्‍वर कौन है? स्‍वामी विवेकानंद के गुरू के विचारों से समझिए

मां काली के भक्त:

रामकृष्ण परमहंस जी बचपन से ही काली मां के भक्त थे। वह जब भी मां काली का ध्यान लगाते थे अचानक से झूमने नाचने लगते थ्ो। वह लंबे समय तक उनकी साधना में लीन भी रहते थे।

ईश्‍वर कौन है? स्‍वामी विवेकानंद के गुरू के विचारों से समझिए

खराब मन में ईश्वर नही:

रामकृष्ण जी ने ईश्वर के बारे में कहा है कि जैसे खराब आईने में सूर्य की छिव नहीं दिखाई पड़ती है। वैसे ही कभी खराब मन में भगवान की मूर्ति नहीं बन सकती है।

ईश्‍वर कौन है? स्‍वामी विवेकानंद के गुरू के विचारों से समझिए

भगवान के दर्शन हो सकते:

रामकृष्ण को बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं। इसके लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया।
उनका दावा था कि उन्होंने ईश्वर को देखा है और सभी लोग देख सकते हैं।

ईश्‍वर कौन है? स्‍वामी विवेकानंद के गुरू के विचारों से समझिए

सभी धर्म एक समान:

रामकृष्ण परमहंस जी सभी धर्मों को एक समान मानते थे। उनके कहना था कि सभी धर्म समान हैं, वे सभी ईश्वर तक पहुंचने का रास्ता दिखाते हैं।

ईश्‍वर कौन है? स्‍वामी विवेकानंद के गुरू के विचारों से समझिए

सरल मार्ग गलत होता:
जीवन को लेकर भी उनके विचार काफी अलग थ्ो। उनके मुताबिक अगर मार्ग में कोई दुविधा न आए तो समझ लेना कि रास्ता गलत है।

ईश्‍वर कौन है? स्‍वामी विवेकानंद के गुरू के विचारों से समझिए

विषयक ज्ञान खतरनाक:
विषय के ज्ञान को लेकर उनका कहना था कि विषयक ज्ञान मनुष्य की बुद्धि को सीमा में बांध देता है। इतना ही नहीं उन्हें अभिमानी भी बना देता है।

Spiritual News inextlive from Spirituality Desk