पुराने खतों में हैं आरोप के प्रमाण
सुब्रह्मण्यन स्वामी ने अपने ताजे ट्वीट में लिखा है कि लोगों को नेहरु म्यूजियम जाकर विजयलक्ष्मी पंडित की फाइल नंबर 59 और 60 जरूर देखनी चाहिए। उन फाइलों में जवाहर लाल नेहरु के 1945-50 में संयुक्त राष्ट्र को लिखे खत संग्रहीत हैं, जायें और उन्हें देखे। उनका कहना है कि इन खतों में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि, 1950 में अमेरिका ने चीन की जगह भारत को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता वीटो पावर के साथ देने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने आगे कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरु ने इसे ठुकरा दिया था और लोकसभा में झूठा बयान भी दिया था।


थरूर ने भी कही थीं ऐसी बातें  
वैसे इस मामले में स्वामी पहले शख्स नहीं हैं जिन्होंने ये बात कही है। इससे पूर्व संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अवर महासचिव शशि थरूर, जो कांग्रेस के सांसद और पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं, ने भी इसी तरह की बातें कही थीं। थरूर ने कहा था कि नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता लेने से तो इनकार किया ही था, बल्कि उन्होने सुझाव दिया कि इस सीट को चीन को दे दिया जाए। कई समाचार पत्रों में ये खुलासा होने के बाद काफी विवाद भी हुआ था।
 
भारत को इन दिनों स्थायी सदस्यता दिलाने की हो रही है चर्चा
गौरतलब है कि इन दिनों वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा पर हैं और एक बार फिर ये चर्चा जोरों पर है कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्य बनाने की मांग का पुरजोर सर्मथन कर रहा है। जाहिर है ऐसे समय पर इस ट्वीट के सामने आने पर अच्छा खासा विवाद खड़ा हो सकता है।

 

 

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